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सता रहा विकास रुकने का डर, कैफो की नियुक्ति नहीं होने से फाइलें अटकीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा में सत्तापक्ष भाजपा को चुनाव आचार संहिता लगने से पहले एक बड़ा डर सता रहा है। चुनाव से पहले काम पूरे नहीं होने का डर बना हुआ है। मनपा में मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो गए हैं। उनकी जगह नई नियुक्ति नहीं होने से सत्तापक्ष की फाइलें अटक गई हैं। फाइलों पर मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी (कैफो) के हस्ताक्षर नहीं होने से फाइलें आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। ऐसे में सत्तापक्ष में बेचैनी की स्थिति है। यही नहीं, स्थायी समिति द्वारा 25 करोड़ रुपए का पुनर्विनियोजन करने के बाद भी उसे प्रशासकीय मंजूरी नहीं मिलने से भी नाराजगी बढ़ती दिख रही है। इसे लेकर सत्तापक्ष भाजपा आयुक्त पर निशाना साध रहे हैं।
मनपा स्थायी समिति सभापति प्रकाश भोयर ने कहा कि, चुनाव आचार संहिता लगने से पहले हमारा जोर छोटी-छोटी निविदा जारी कर जल्द से जल्द काम पूरा करने पर है, लेकिन प्रशासन का सहयोग नहीं मिल रहा है। आयुक्त ने 16 करोड़ रुपए का पुनर्विनियोजना किया था, उन कामों को प्रशासकीय मंजूरी मिलना शुरू हो गई है। एक-एक कर वह प्रस्ताव स्थायी समिति के एजेंडे पर आने शुरू हो गए हैं, लेकिन स्थायी समिति ने जिन 25 करोड़ रुपए का पुनर्विनियोजन किया था, उन्हें अब तक प्रशासकीय मंजूरी नहीं मिली है।
आरोप- प्रशासन काम रोकना चाहता है
उन्होंने कहा कि मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी के सेवानिवृत्ति के बाद नए अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने से भी काम अटक रहे हैं। क्या प्रशासन हमारा काम रोकना चाहता है? ऐसे अनेक सवाल उपस्थित कर स्थायी समिति सभापति ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की।
स्टेशनरी घोटाले का असर बैठक पर
मंगलवार को हुई स्थायी समिति की बैठक में स्टेशनरी घोटाले का असर दिखा। बैठक में हिवताप व हत्तीरोग विभाग के लिए कीटकनाशक औषधि (जंतुनाशक साहित्य) खरीदी संबंध में दो कंपनी मे. रमेश एग्रो-केम और मे. डॉल्फिन सेल्स कॉर्पोरेशन ने निविदा दी है, किन्तु बैठक में दोनों को मंजूरी देने से पहले प्रशासन को बाजार कीमत से तुलना करने के निर्देश दिए हैं। तब तक प्रस्ताव को स्थगिती दी गई है।
Created On :   5 Jan 2022 4:21 PM IST