सदर फ्लाईओवर की डिजाइन ही गलत, जेब से खर्च करनी पड़ेगी रकम

Sadar flyover design itself wrong, will have to spend out of pocket
सदर फ्लाईओवर की डिजाइन ही गलत, जेब से खर्च करनी पड़ेगी रकम
सदर फ्लाईओवर की डिजाइन ही गलत, जेब से खर्च करनी पड़ेगी रकम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हाल ही में शुरू हुए एनएचएआई के सदर फ्लाईओवर की डिजाइन को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। एनएचएआई की लापरवाही से अन्य लोगों को यातायात समस्या का हल निकालना पड़ रहा है। यातायात विभाग और वीएनआईटी इस समस्या का हल निकालने के प्रयास में हैं। फिलहाल आरबीआई से एलआईसी चौक की ओर जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया है, जिससे नागरिकों को कामठी रोड जाने के लिए लिबर्टी टॉकीज या माउंट रोड से घूम कर जाना पड़ रहा है। एनएचएआई के अधिकारी का कहना है कि यह डायवर्जन 1 साल तक रहेगा। इस मार्ग पर रोजाना 50 से 60 हजार वाहन गुजरते हैं, जिससे 6 महीने में 1 करोड़ 49 लाख 47 हजार 200 रुपए का पेट्रोल अधिक लगेगा।

उतार में नहीं छोड़ी जगह
पुल के अंत में केपी ग्राउंड के सामने ट्रैफिक उतरता है। यहां पर पुलिया अंत होने के बाद वाहन की गति कम होने के लिए जगह छोड़ी जानी चाहिए थी। एनएचएआई ने यहां पर पुल को सीधे रोड पर अंत किया है, जिससे वाहन तेज गति से सीधे रोड पर आ रहे हैं। इसमें आरबीआई चौक से आने वाला ट्रैफिक सीधे संपर्क में आता है। ऐसे में दुर्घटना होने की संभावना अधिक है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि हमने 50 मीटर की जगह छोड़ी है। 

नया एक्सीडेंट स्पॉट तैयार
एक ही जगह पर आरबीआई चौक और पुल का ट्रैफिक आने के कारण वह एक्सिडेंट स्पॉट बन गया है। इस गलती के कारण यातायात विभाग को अब ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ रहा है। आरबीआई चौक से कामठी रोड पर जाने वाले ट्रैफिक को लिबर्टी की ओर डायवर्ट किया गया है, जिससे फ्लाईओवर से उतरने वाले ट्रैफिक से संपर्क नहीं हो सके। इस विषय पर एनएचएआई अधिकारियों से बात करने पर उन्होंने कहा कि रोड डायवर्जन लगभग 1 साल तक रहेगा। इसके अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।

पुल पर ले रहे यू-टर्न
यातायात डायवर्ट करने के बाद आरबीआई से आने वाले वाहन चालकों को घूम कर जाना पड़ रहा है। इससे बचने के लिए नागरिक पुल पर चढ़कर वहां से यू-टर्न लेने के बाद एलआईसी चौक की आेर जा रहे हैं। यू-टर्न स्पॉट पुल शुरू हाेने के बाद करीब 80 मीटर पर है। इस यू-टर्न स्पॉट पर मानकापुर और काटोल से आने वाले वाहन गति से पुल पर उतरते हैं। बीच में ही नागरिक यू-टर्न ले रहे हैं, जिससे यहां पर भी दुर्घटना होने का खतरा बना हुआ है। यू-टर्न लेते समय कई वाहन अटक जाते हैं, जिससे जाम लग रहा है।

बाइक- औसत माइलेज 50 किमी प्रति लीटर
आरबीआई चौक से लिबर्टी चौक होते हुए माउंट रोड टी प्वाइंट 1.1 किमी है। ट्रैफिक डायवर्ट होने से 500 मीटर अधिक चलना पड़ रहा है। इस हिसाब से 10 मिली पेट्रोल अधिक लग रहा है। अगर रुपए में इसे मापते हैं, तो पेट्रोल की कीमत 74.16 रुपए है। (सोमवार की कीमत) इस अनुसार एक बाइक को 75 पैसे का पेट्रोल अधिक लग रहा है। यदि गाड़ी जाम में फंस कर रुक-रुक कर चलती है, तो सामान्य से 15 प्रतिशत अधिक पेट्रोल की खपत होती है, इस अनुसार 79 पैसे के पेट्रोल की खपत होती है।

फोर व्हीलर- यदि औसत माइलेज 16 किमी प्रति लीटर हो
500 मीटर अतिरिक्त चलने पर 32.5 मिली पेट्रोल अधिक लग रहा है। अगर रुपए में इसे मापते हैं, तो पेट्रोल की कीमत (सोमवार को) 74.16 रुपए है, तो इस अनुसार एक कार को 2.41 रुपए का पेट्रोल अधिक लग रहा है। जाम में फंसने से पेट्रोल की खपत 15 प्रतिशत अधिक होती है। इस अनुसार 2.77 रुपए का पेट्रोल खर्च होता है।

हम सुधार करेंगे
पुल के लूप के लिए हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था। हम अशोक होटल के पास लूप लेते, लेकिन वहां की जमीन हमें नहीं मिली। एलआईसी चौक पर लेते, तो उस चौक का एक मार्ग बंद हो जाता, आगे केपी ग्राउंड में मेट्रो स्टेशन बन रहा है, इसलिए कोई अन्य विकल्प नहीं था। यही एक मात्र विकल्प था। हमारे अनुसार डिजाइन सही है। अभी जो यातायात डायवर्ट किया है, वह 1 साल तक डायवर्ट रहेगा। कम से कम 6 महीने तक तो रहेगा ही। पुल में आगे जो भी सुधार होंगे वह हम करेंगे। --स्वप्निल कसारमैनेजर, एनएचएआई नागपुर

डिवाइडर को ले आए रोड के बीच
पुल से उतरने के बाद डिवाइडर भी रोड तक लाया गया है। पुल पहले ही खत्म हो गया, लेकिन डिवाइडर को आधे से ज्यादा रास्ते तक लाया गया है। यदि भविष्य में सिग्नल भी लगाए जाएंगे, तो वह डिवाइडर बीच मार्ग में होगा, जिससे भी यातायाता बाधित होगा।

जाम और एक्सिडेंट की स्थिति
केपी ग्राउंड के सामने सदर फ्लाईओवर उतर रहा है। यहां पर फ्लाईओवर से उतरने वाले वाहन और आरबीआई चौक से आने वाले वाहन आपस में संपर्क में आ रहे थे, जिससे जाम और एक्सिडेंट की स्थिति बन रही है। समस्या के हल के लिए वीएनआईटी के ट्रांसपोर्ट और इंजीनियरिंग विभाग से चर्चा कर प्रयास किया जा रहा है। तब तक अस्थाई तौर पर यातायात डायवर्ट किया गया है। -चिन्मय पंडित डीसीपी, यातायात पुलिस विभाग, नागपुर

कुछ गड़बड़ी हुई है
सदर फ्लाईओवर पुल के लिए दो विभागों के बीच तालमेल की कमी के कारण कुछ गड़बड़ी हुई है। हम लोग "फिलेट" सॉल्यूशन के लिए प्रयास कर रहे हैं, जिसमें पुल का मार्ग बीच से कहीं ओर निकालने की योजना है। इसमें मेरे साथ असोसिएट डॉ. उदित जैन और कॉलेज के विद्यार्थी भी विश्लेषण कर रहे हैं। हम रिपार्ट 5-6 दिन में शामिल करेंगे, फिर अन्य विभाग उन पर विचार करेंगे। - डॉ. विश्रुत लांडगे, ट्रांसपोर्ट विभागाध्यक्ष, वीएनआईटी

सुरक्षा के लिए अपनाए यह उपाय
एक्सिडेंट जैसी स्थिति पर नियंत्रण के लिए पुल से उतरते हुए दो स्पीड रीड्यूसर लगा सकते हैं। आरबीआई से आने वाले नागरिकों के लिए डायवर्जन के लिए बोर्ड लगा सकते हैं। लाइट से भी नियंत्रण कर सकते हैं। एलआईसी चौक से आने वाले ट्रैफिक के लिए कॉशन लाइट का उपयाेग होना चाहिए, जिससे वाहन चालक वाहन धीमा कर लें। - अशोक करंदीरकर, ट्रैफिक एक्सपर्ट, जनाक्रोश

Created On :   28 Jan 2020 11:14 AM IST

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