लॉकडाउन में वेतन लटका, स्कूली शिक्षक-कर्मचारियों के बुरे हाल

Salary salary hangs in lockdown, bad condition of school employees
लॉकडाउन में वेतन लटका, स्कूली शिक्षक-कर्मचारियों के बुरे हाल
लॉकडाउन में वेतन लटका, स्कूली शिक्षक-कर्मचारियों के बुरे हाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार ने सरकारी विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का मार्च माह का सिर्फ 75 प्रतिशत वेतन देने का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले को लागू करते हुए कर्मचारियों मंे विशेष कर शिक्षा वर्ग में हडकंप मच गया है। शालेय शिक्षा विभाग ने सरकार के इस फैसले को लागू कर दिया है। वैसे तो सरकार के इस फैसले के बाद शिक्षक-कर्मचारियों को 75 प्रतिशत वेतन मिलना अपेक्षित था, लेकिन स्थानीय कोषागार कार्यालय ने स्कूलों को नए सिरे से पेमेंट बिल मंगाए हैं। स्कूल प्रबंधनों के अनुसार वे पहले ही मार्च माह का पेमेंट बिल कोषागार कार्यालय को भेज चुके हैं। लेकिन 75 प्रतिशत वेतन देने के आदेश के बाद कोषागार कार्यालय ने नए सिरे से बिल मांगे हैं। अब स्कूलों की मुश्किल ये है कि लॉकडाउन के कारण उनके कर्मचारी घरों से नहीं निकल सकते। इस वजह से पेमेंटे बिल 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुलने के बाद ही बन सकेंगे। इसके बाद वेतन मंजूर होने में कई दिनों का वक्त लगेगा। जिससे मार्च माह का वेतन मई में मिलेगा। ऐसे में शिक्षकों के सामने दो माह के वेतन का टोटा है।

शिक्षक-कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ेंगी

मामले में आदर्श विद्यामंदिर के मुख्याध्यापक अशनारायण तिवारी के अनुसार सरकार द्वारा नए पेमेंट बिल मांगे जाने से मुश्किलें बढ़ जाएंगी। शिक्षक कर्मचारियों को सीधे मई मंे ही वेतन मिलेगा। यह समस्या हल हो सकती है अगर मार्च के वेतन में बदलाव ना करते हुए अप्रैल के वेतन में फर्क एडजस्ट किया जाए। सरकार को इस विषय पर सोचना चाहिए।

Created On :   8 April 2020 3:20 PM IST

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