मौत के दो दशक बाद बिक्री कर अधिकारी को भ्रष्टाचार के मामले से बरी

Sales tax officer acquitted of corruption case after two decades of death
मौत के दो दशक बाद बिक्री कर अधिकारी को भ्रष्टाचार के मामले से बरी
मौत के दो दशक बाद बिक्री कर अधिकारी को भ्रष्टाचार के मामले से बरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बिक्री कर विभाग के अधिकारी को उसकी मौत के 20 साल बाद उसे भ्रष्टाचार के मामले से बरी किया है। मामला बिक्री कर विभाग के अधिकारी सुरेश कनगे से जुड़ा है। 1996 में सोलापुर की विशेष अदालत ने मामले से जुड़े 94 गवाहों के बयान को सुनने के बाद कनगे को अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए डेढ साल के कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ कनगे ने हाईकोर्ट में अपील की थी। कनगे व मामले से जुड़े अन्य आरोपियों पर मुख्य रुप से तेल के कारोंबार से जुड़े एक कारोबारी को निर्धारित प्रक्रिया का पालन न करते हुए बिक्री कर में छूट(रिफंड सेल टैक्स) देने का आरोप था। विभागीय जांच के बाद इस मामले को लेकर कनगे सहित चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले में एक आरोपी सरकारी गवाह बन गया था इसलिए उसे निचली अदालत ने बरी कर दिया था। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ सभी आरोपियों ने अलग-अलग अपील की थी। दो आरोपियों को न्यायमूर्ति एमएसल टहिलियानी ने साल 2013 में बरी किया था और अपने आदेश में कहा था कि इस मामले में सरकारी गवाह की गवाही विश्वसनीय नहीं नजर आ रही है। क्योंकि आरोपी निचली अदालत में मुकदमे की सुनवाई के अंतिम पडाव पर सरकारी गवाह बना था। इस बीच 2001 में कनगे की मौत हो गई। इसके बाद कनगे की उत्तराधिकारी पत्नी व बेटे ने कनगे की जगह अपील को जारी रखने की इजजात मांगी। जिसे कोर्ट ने प्रदान कर दी। 

न्यायमूर्ति एसके शिंदे के सामने कनगे की अपील पर सुनवाई हुई। इस दौरान न्यायमूर्ति शिंदे ने भी कहा कि मुकदमा चलाने का मुख्य उद्देश्य सच का पता लगाना होता है। लेकिन इस मामले में अभियोजन पक्ष आरोपी पर लगे आरोपों को साबित करने में विफल रहा है। क्योंकि सरकारी गवाह की गवाही काफी संदिग्ध दिख रही है। इसलिए आरोपी को दोषी ठहरानेवाले निचली अदालत के फैसले को निरस्त किया जाता है और आरोपी को बरी किया जाता है। इस तरह से कोर्ट ने आरोपी की मौत के 20 साल बाद उसे भ्रष्टाचार के मामले से बरी किया किया है। इसके साथ ही न्यायमूर्ती ने कहा है कि यदि आरोपी ने जुर्माने की रकम भरी हो तो उसके परिजनों को वापस कर दी जाए। 

 

Created On :   27 Jan 2021 7:18 PM IST

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