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18 जून को सीएम से मिलेंगे संभाजी राजे, कोल्हापुर से शुरु हुआ मराठा आंदोलन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में लगभग ढाई साल बाद आरक्षण की मांग को लेकर सकल मराठा समाज एक बार फिर सड़क पर उतर गया है। बुधवार को कोल्हापुर में छत्रपति शाहू महाराज के समाधि स्थल से मराठा समाज के आरक्षण समेत विभिन्न मांगों को लेकर मूक आंदोलन की शुरुआत हुई। राज्यसभा सांसद छत्रपति संभाजी राजे के नेतृत्व में मूक आंदोलन में मराठा समाज के हजारों समन्वयकों ने हिस्सा लिया। मूक आंदोलन में प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में गृह राज्य मंत्री कोल्हापुर के पालक मंत्री सतेज पाटील शामिल हुए। पाटील ने संभाजी राजे को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मराठा समाज की मांगों पर चर्चा के लिए आमंत्रण दिया। संभाजी राजे गुरुवार को मराठा समाज समन्वयकों के साथ राय शुमारी करेंगे। इसके बाद संभाजी राजे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से 18 जून को मुंबई में मुलाकात करेंगे।
सरकार सकारात्मक- पाटील
प्रदेश के गृह राज्य मंत्री पाटील ने कहा कि मराठा समाज की मांगों को लेकर राज्य सरकार सकारात्मक है। मैंने संभाजी राजे को मुख्यमंत्री से चर्चा के लिए निमंत्रण दिया है। वे मुख्यमंत्री के साथ बैठक के लिए आएंगे तो सरकार मराठा समाज के आरक्षण समेत अन्य मांगों पर एक्शन प्लान तैयार कर सकेगी। राज्य सरकार अपने अधीन मराठा समाज की कुछ मांगों पर फैसला लेगी। जबकि आरक्षण के लिए केंद्र सरकार के पास प्रयास किया जाएगा। यदि केंद्र सरकार आरक्षण के लिए सकारात्मक है तो यह नजर भी आना चाहिए।
आंदोलन को भाजपा का समर्थन- पाटील
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पाटील ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए राज्य में जो भी लोग आंदोलन करेंगे उसको भाजपा का समर्थन रहेगा। मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए यदि कुछ समय लगेगा तो पूर्व की भाजपा सरकार ने मराठा समाज के लिए जिन योजनाओं को लागू किया था उन योजनाओं को दोबारा प्रभावी रूप से लागू करने का फैसला सरकार को करना चाहिए। इसके लिए विधानमंडल के मानसून अधिवेशन में सभी विधायकों को सरकार पर दबाव बनाना चाहिए।
मराठा आरक्षण पर प्रधानमंत्री भूमिका स्पष्ट करें- शाहू महाराज
मूक आंदोलन में श्रीमंत छत्रपति शाहू महाराज ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर राज्य सरकार सकारात्मक नजर आ रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की है। लेकिन मराठा आरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री के क्या विचार हैं, यह अभी तक सामने नहीं आए हैं। यदि प्रधानमंत्री भूमिका स्पष्ट करते हैं तो आरक्षण की समस्या का निश्चित रूप से समाधान होगा। शाहू महाराज ने कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक 125 बार संविधान संशोधन किया है। मुझे समझ में नहीं आता है कि मराठा आरक्षण के लिए आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को शिथिल करने के लिए एक और संशोधन के लिए सरकार के सामने क्या समस्या है। यदि सरकार ने ठान लिया तो सबकुछ संभव है।शाहू महाराज ने कहा कि आरक्षण के लिए महाराष्ट्र मराठा समाज के पक्ष में है लेकिन दिल्ली को पक्ष में करने के लिए राज्य के सांसदों और मंत्रियों को केंद्र सरकार से प्रयास करना चाहिए। हमें संविधान संशोधन के लिए संसद में दो तिहाई बहुमत भी जुटाना पड़ेगा।
राणे समिति का गठन आघाड़ी सरकार की चूक- मुश्रीफ
प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री मुश्रीफ ने कहा कि राज्य में कांग्रेस-राकांपा की आघाड़ी सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मराठा आरक्षण के लिए तत्कालीन उद्योग मंत्री नारायण राणे की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था। लेकिन आघाड़ी सरकार ने मराठा आरक्षण के लिए राणे समिति का गठन करके चूक की थी। इसको मैं कबूल करता हूं। आघाड़ी सरकार को राणे समिति की बजाय आयोग का गठन करना चाहिए था। बाम्बे हाईकोर्ट ने इसको मुद्दा बनाते हुए साल2014 में मराठा आरक्षण को रद्द कर दिया। इसके बाद भाजपा सरकार ने इस गलती को सुधारते हुए मराठा आरक्षण के लिए गायकवाड आयोग का गठन किया। लेकिन भाजपा सरकार ने भी मराठा आरक्षण लागू करने में गलती की। क्योंकि केंद्र सरकार ने 14 अगस्त 2018 को ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किया था। इसके बाद राज्य सरकार के पास आरक्षण का अधिकार नहीं बचा था। इसके बावजूद भाजपा सरकार ने 30 दिसंबर 2018 को मराठा आरक्षण विधेयक को विधानसभा में मंजूरी कराया। मुश्रीफ ने कहा कि भाजपा सरकार का मराठा आरक्षण बाम्बे हाईकोर्ट में कायम रहा लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बीते 5 मई को आरक्षण को रद्द कर दिया। इसलिए भाजपा को भी अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए। वहीं पत्रकारों से बातचीत में मुश्रीफ ने कहा कि संविधान संशोधन के बिनामराठा आरक्षण संभव नहीं है। इसलिए सभी दलों को मिलकर केंद्र सरकार से आग्रह करना चाहिए।
मूक आंदोलन शुरू रहेगा- संभाजी राजे
संभाजी राजे ने कहा कि सरकार की ओर से कोल्हापुर के पालक मंत्री सतेज पाटील ने मुख्यमंत्री से चर्चा के लिए निमंत्रण दिया है। मैं उनकी भूमिका का स्वागत करता हूं। मैं मुख्यमंत्री से चर्चा के लिए 18 जून को मुंबई जाऊंगा। लेकिन मूक आंदोलन जारी रहेगा। नाशिक, अमरावती, औरंगाबाद और रायगड में मूक आंदोलन किया जाएगा। यदि सरकार ने मांगों को मंजूर किया तो हम लोग नाशिक में 21 जून कोविजयोत्सव मनाएंगे। संभाजी राजे ने कहा कि हमारी राज्य के सभी 36 जिलों में मूक आंदोलन की तैयारी है। यदि सरकार ने मराठा समाज की मांगों पर ठोस फैसला नहीं किया तो मूक आंदोलन के बाद पुणे से मुंबई तक लॉग मार्च निकाला जाएगा। सत्ताधारी दलों के नेताओं की ओर से मूक आंदोलन के मंच का राजनीतिक इस्तेमाल के आरोप पर संभाजी राजे ने कहा कि हम चाहते थे कि जनप्रतिनिधि अपनी भूमिका व्यक्त करें। अब वे भाषण में किन मुद्दों को उठाते हैं यह उनका अधिकार है।
इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार, प्रदेश के सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री तथा मराठा आरक्षण उपसमिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण समेत सरकार के वरिष्ठ मंत्री मौजूद रहेंगे। इससे पहले मूक आंदोलन में प्रदेश ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ, स्वास्थ्य राज्य मंत्री राजेंद्रपाटील- येड्रावकर और कोल्हापुर के विधायक और सांसद शामिल हुए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने पार्टी की ओर से संभाजी राजे को मूक आंदोलन का समर्थन पत्र सौंपा। इसके बाद पाटील आंदोलन स्थल से चले गए। हालांकि भाजपा के स्थानीय नेता और पदाधिकारी आंदोलन खत्म होने तक मौजूद रहे। वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर भी मूक आंदोलन में उपस्थित रहे। मूक आंदोलन में मंत्री, विधायक, सांसद से लेकर मराठा समाज के समन्वयक सभी जमीन पर बैठे नजर आए। इस आंदोलन में मराठा समाज के प्रतिनिधियों की ओर से केवल श्रीमंत छत्रपति शाहू महाराजने भाषण दिया। जबकि सरकार की ओर से मंत्रियों के अलावा, विधायकों और सांसदों ने मराठा आरक्षण पर अपनी भूमिका स्पष्ट की।
Created On :   16 Jun 2021 8:06 PM IST