समीर वानखेडे को मिली राहत, दावा था मंत्री मलिक के दामाद को गिरफ्तार किया, इसलिए हुई बदले की कार्रवाई 

Sameer Wankhede got relief, claimed that minister Maliks son-in-law was arrested, hence the retaliation
समीर वानखेडे को मिली राहत, दावा था मंत्री मलिक के दामाद को गिरफ्तार किया, इसलिए हुई बदले की कार्रवाई 
हाईकोर्ट समीर वानखेडे को मिली राहत, दावा था मंत्री मलिक के दामाद को गिरफ्तार किया, इसलिए हुई बदले की कार्रवाई 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेडे को अंतरिम राहत देते हुए पुलिस को उन्हें 28 फरवरी तक गिरफ्तार न करने को कहा है। अदालत में वानखेडे के वकील आबाद पोंडा ने आश्वासन दिया कि वे दर्ज एफआईआर की जांच में ठाणे पुलिस से सहयोग करेंगे और मामले में भेजी गई नोटिस के मुताबिक सवालों के जवाब देने पुलिस स्टेशन में हाजिर होंगे। नाबालिग होने के बावजूद खुद को बालिग बताकर बार का लाइसेंस हासिल करने के मामले में उत्पाद शुल्क विभाग की शिकायत के आधार पर ठाणे के कोपरी पुलिस स्टेशन में वानखेडे के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। वानखेडे ने इस एफआईआर को खारिज करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। मंगलवार को ही कोपरी पुलिस ने वानखेडे को समन जारी कर बुधवार को पूछताछ के लिए हाजिर रहने को कहा है। मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील अरुणा पई ने कहा कि सरकार ऐसा कोई आश्वासन नहीं देना चाहती कि मामले में वानखेडे को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूछताछ के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगी। इस पर अदालत ने सवाल किया कि सरकार का केंद्रीय जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी होने के बावजूद ऐसा रवैया क्यों है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने वानखेडे को 28 फरवरी तक अंतरिम राहत दे दी। वानखेडे ने अपनी याचिका मे कहा है कि एनसीबी में रहते उसने मंत्री नवाब मलिक के दामाद को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया था। इस लिए उसके साथ बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है। 

तुरंत सुनवाई  नहीं 

समीर वानखेडे ने रद्द किए गए बार के लाइसेंस को बहाल करने के लिए भी याचिका दाखिल की है। लेकिन अदालत ने मामले पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने इस बात को लेकर भी नाराजगी जाहिर की कि वानखेडे की याचिका इतनी जल्दी उनके पास सुनवाई के लिए कैसे पहुंच गई। खंडपीठ ने सवाल किया कि क्या ऐसा है कि गरीबों के मामलों की सुनवाई बारी आने पर होगी और प्रभावशाली लोगों की याचिकाएं पहले सुनवाई के लिए आ जाएंगी। क्या न्याय व्यवस्था ऐसे काम करेगी। वानखेडे ने सोमवार को याचिका दाखिल की थी और मंगलवार को ही वह सुनवाई के लिए आ गई थी। 

 

Created On :   22 Feb 2022 8:05 PM IST

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