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गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए कोर्ट पहुंचे रेत माफिया व घाट मालिक
डिजिटल डेस्क, नागपुर. क्राइम ब्रांच यूनिट-3 द्वारा रेतघाट मालिकों को जारी किए गए सूचना पत्र के बाद रेतघाट मालिकों से लेकर रेत माफियाओं में हड़कंप मच गया है। नतीजतन अपनी गिरफ्तारी को लेकर कुछ रेत माफिया व रेतघाट मालिक हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर गिरफ्तारी पूर्व जमानत की जुगत में लगे हुए हैं। क्राइम ब्रांच द्वारा खापा से रेत घाट के मालिक कोलते को पूछताछ के लिए कार्यालय ले जा गया है। सूत्र बताते हैं गिरफ्तार घाट मालिक ने बताया ‘मैं नाममात्र ही घाट मालिक हूं, मुझे साल के तीन लाख रुपए मिलते हैं। इसके अलावा घाट से मेरा कोई लेनदेन नहीं है। सारा हिसाब-किताब दूसरे देखते हैं। जो फिलहाल गिरफ्तारी के डर से अंडरग्राउंड हो गए’। वहीं नरेंद्र पिंपले, गुड्डू खोरगड़े, मनोज गायकवाड़, निवासी पाटणसावंगी, पवन पैठनकर, खापा निवासी, लक्ष्मीकांत गागटे, निवासी खापा ऐसे कुछ लोग कोर्ट की शरण में पहंुचे हैं। बताया जा रहा रेत माफियाओं ने क्षेत्र के अधिकांश रेतघाट मालिकों को बलि का बकरा बनाया हुआ है। उनके सीधेपन का रेत माफिया गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
राज्य सरकार को करोड़ों की चपत
जिले में पिछले दो तीन वर्ष से रेत घाट नीलामी की प्रक्रिया नहीं की गई। बावजूद सावनेर रेत घाटों से बड़े पैमाने पर अवैध रेत चोरी का धंधा चल रहा है। जिसमें माइनिंग विभाग से लेकर राजस्व तथा स्थानीय पुलिस की भूमिका अहम रही है। वहीं कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता। घाट नीलामी नहीं होने पर जिलाधिकारी द्वारा लोगों को तथा सरकारी काम रेत हो रही परेशानी को देखते हुए समय-समय पर स्टॉक या सीमित समय के लिए अनुमानित ब्रास की सुविधा मुहैया कराई जाती है। और यहीं से शुरू हुआ अवैध रेती चोरी का गोरखधंधा। स्टॉक के नाम पर नदी से रेत निकाल कर सीधे-सीधे बेच दी जाती है।
खूब चला अवैध रॉयल्टी का कारोबार
रेत माफियाओं द्वारा अत्याधुनिक तकनीकों का गलत इस्तेमाल कर डुप्लिकेट पोर्टल बना कर अवैध रॉयल्टी से सावनेर तहसील के रेत घाट से करोड़ों की रेत बेच दी गई।
Created On :   15 Sept 2022 7:58 PM IST