पोकलेन उतार कर नदी से निकाली जा रही थी रेत, दलदल में फंसी मशीन तो सामने आया सच, ग्रामीणों ने मचाया हंगामा

Sand was being extracted from the river after removing the pokellen, trapped in the marsh
 पोकलेन उतार कर नदी से निकाली जा रही थी रेत, दलदल में फंसी मशीन तो सामने आया सच, ग्रामीणों ने मचाया हंगामा
 पोकलेन उतार कर नदी से निकाली जा रही थी रेत, दलदल में फंसी मशीन तो सामने आया सच, ग्रामीणों ने मचाया हंगामा

डिजिटल डेस्क शहडोल । जिले में अवैध रेत उत्खनन से लगातार इंकार करते आ रहे खनिज महकमे को उस वक्त खामोश होना पड़ा, जब भटिगवां में चंदी नदी में रेत निकालने उतारी गई पोकलेन मशीन के दलदल में फंस जाने के फोटो वायरल हुए। वायरल हुए फोटो के साथ जिला मुख्यालय पर पहुंची इस सूचना ने तो खनिज अधिकारी के होश ही उड़ा दिए कि अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ ग्रामीण सडक़ पर उतर आए हैं और उन्होंने टीपी समेत पांच वाहन रोक रखे हैं। आनन-फानन में खनिज विभाग के साथ राजस्व व पुलिस महकमे का अमला भी मौके पर रवाना किया गया, लेकिन 72 घंटे बाद भी पोकलेन नदी से निकाली नहीं जा सकी। रेत से लोड जो पांच वाहन जब्त किए गए हैं उनमें 3 डग्गी-709 वाहन तथा 2 हाइवा हैं। यहां बता दें कि जिले की 50 रेत खदानों के समूह का ठेका करीब 50 करोड़ रुपए की ऊंची बोली पर वंशिका कंस्ट्रक्शन को मिला है। वंशिका द्वारा पहले भी अनुमति न होने के बावजूद मशीनों के जरिए रेत का खनन किए जाने का मामला सामने आ चुका है।
तीन दिन से फंसी है मशीन, कागजी जब्ती बनाकर लौटी टीम
ग्रामीणों के मुताबिक चूंदी नदी में पोकलेन तीन दिन से फंसी हुई है। रविवार को जब यह मामला सामने आया तो खनिज, पुलिस व राजस्व महकमे की संयुक्त टीम ने दो क्रेनें लगा कर पोकलेन नदी से बाहर निकालने की असफल कोशिश की। टीम थक-हार कर, कागजी जब्ती बनाने के बाद वापस आ गई। टीम को सोमवार को फिर भटिगवां की दौड़ लगानी पड़ी। वहां ग्रामीणों ने रेत से भरे पांच वाहन, जिनमें चार के पास टीपी भी थी, रोककर हंगामा मचाना शुरू कर दिया था।

मशीनें लगाकर पूरी रात निकालते हैं रेत

मौके पर पहुंचे अधिकारियों को ग्रामीणों ने आवेदन देते हुए चूंदी नदी से रेत का अवैध खनन एवं परिवहन रोकने की मांग की है। ग्रामीणों के अनुसार प्रतिबंध के बाद भी भटिगवां स्थित चूंदी नदी के दोनों तरफए वंशिका कंस्ट्रक्शन द्वारा मशीनें लगाकर रेत निकाली जा रही है। ग्रामीणोंं के मुताबिक कंपनी के लोग मशीनें लगा कर पूरी रात रेत निकालते हैं और भारी वाहनों में भर कर परिवहन करते हैं। भारी वाहनों के चलने से गांव की सडक़ खराब होने लगी है। सोमवार को भी रेत का उत्खनन और परिवहन जारी थाए जिससे व्यथित होकर ग्रामीणों ने चक्का जाम कर दिया।
 ग्रामीणों ने मांग की है कि रेत ठेकेदार द्वारा हेैवी मशीनें लगाकर जो रेत का खनन और परिवहन किया जा रहा हैए उस पर तत्काल रोक लगाई जाए और वाहनों को जब्त करते हुए कठोर कार्रवाई की जाए। इस दौरान ग्रामीणों ने रेत के खनन व परिवहन में लगीं मशीनें और वाहनों के नंबर भी एसडीएम को दिए।
चार वाहनों के पास मिली टीपी-ग्रामीणों ने सोमवार को जिन पांच वाहनों को रोक लिया था। खनिज विभाग की टीम उन कार्रवाई करने के लिए पहुंची थी। जब इस संबंध में विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि पांच वाहनों में से चार के पास टीपी मिली है। एक में टीपी नहीं है। इसकी वैधता के संबंध में जांच की जा रही है।  इसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस संबंध में जब जिला खनिज अधिकारी से बात की  तो उन्होंने कहा कि विभाग की टीम मौके पर गई है, वहां से लौटने के बाद ही कार्रवाई के संंबंध में जानकारी दी जा सकेगी। 
टीपी के दुरुपयोग पर खनिज महकमा अभी भी खामोश-जयसिंह नगर तहसीलदार रॉबिन जैन ने स्वीकारा कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद राजस्व और खनिज विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो पकड़े गए कुछ वाहन नदी से रेत का उत्खनन कर ला रहे थे। खनिज अधिकारी फरहत जहां रेत से भरे पांच वाहन पकड़े जाने की बात तो स्वीकारती हैं लेकिन टीपी, जिसेे प्राप्त करने का अधिकार केवल ठेका कंपनी वंशिका कंस्ट्रक्शन को है, उसके दुरपयोग की बात पर वे खामोश रहीं। उन्होंने कहा कि टीम अभी मौके पर है, वहां से आने के बाद टीपी असली है या नकली, यह देखना पड़ेगा। उसी के बाद कुछ कहा जा सकेगा। नदी में फंसी पोकलेन मशीन किसकी है, यह बात भी मशीन बाहर निकलने के बाद नंबर ट्रेस करने के बाद बताया जा सकेगा। इस संंबंध में वंशिका गु्रप से जुड़े चंदन तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पकड़े गए वाहन भण्डारण से रेत लेकर आ रहे थे। सभी के पास वैध टीपी भी है। वहीं नदी में फंसी पोकलेन मशीन के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी होने से उन्होंने इंकार कर दिया।
 

Created On :   21 July 2020 2:03 PM IST

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