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केन्द्रीय टीम का गुपचुप तरीके से स्वच्छता सर्वेक्षण, मनपा की धड़कनें तेज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर महानगरपालिका द्वारा चलाए जा रहे ‘मम्मी पापा यू टू’ अभियान के बीच केंद्र सरकार की स्वच्छता सर्वेक्षण टीम बिना किसी को बताए शहर में दाखिल हो गई। बुधवार रात को नागपुर पहुंचने के बाद केंद्रीय टीम ने ‘गोपनीय’ तरीके से स्वच्छता सर्वेक्षण भी शुरू कर दिया। गुरुवार को शहर के अनेक स्थानों पर जाकर टीम ने स्वच्छता का जायजा लिया। अगले दो-तीन दिन और यह टीम शहर में घूमकर स्वच्छता का निरीक्षण करेगी। फिलहाल इसकी पूरी जानकारी गोपनीय रखी गई है। मनपा अधिकारियों को भी इसकी भनक नहीं है कि टीम कौन-कौन से स्थानों पर गई और क्या देखा। सिर्फ उसे इतना पता है कि टीम नागपुर पहुंची है। ऐसे में मनपा अधिकारियों की धड़कनें बढ़ गई हैं। वे भी जानकारी लेने में जुटे हैं कि टीम कहां-कहां गई है।
कहां-कहां जाएगी टीम
स्वच्छता सर्वेक्षण करने नागपुर पहुंची केंद्रीय टीम स्वच्छता को 9 कैटेगरी में बांटकर अपना काम करेगी। इसमें सार्वजनिक और सुलभ शौचालय, बाजार एरिया, एयरपोर्ट, बस स्थानक, रेलवे स्टेशन, भांडेवाडी डंपिंग यार्ड, गीला-सूखे कचरे का वर्गीकरण, कचरे पर प्रक्रिया, शहर के कलेक्शन सेंटर की स्थिति आदि का जायजा लेगी। विशेष यह कि केंद्र सरकार के निर्देश पर पहुंची टीम को भी पता नहीं होता है कि उसे कहां-कहां जाना होता है। टीम को दिल्ली से ऑनलाइन मैसेज मिलते रहते हैं। जिन जगहों पर जाने का मैसेज मिलता है, वहां जाकर टीम स्वच्छता का मुआयना करती है। यह मैसेज मनपा प्रशासन द्वारा स्वच्छता संबंध में भेजी गई जानकारी पर आते हैं। जो जानकारी दी जाती है, उसे टीम क्रॉस करती है। ऐसे में पहले से अनुमान लगाना या अधिकारियों को उन्हें भरोसे में लेना कठिन हो जाता है।
अचानक सक्रिय हो गए अधिकारी
टीम के आने से मनपा अधिकारी अचानक सक्रिय हो गए हैं। इसके कई कारण है। पिछले साल नागपुर शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण में 58वें क्रम पर रहा। हाल में नई जानकारी सामने आई। केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 की लीग रैंकिंग जारी की है। लीग रैंकिंग के पहले चरण (अप्रैल से जून) में नागपुर मनपा 30वें और दूसरे चरण (जुलाई से सितंबर) में 15वें नंबर पर रही। अक्टूबर से दिसंबर यानी तीसरे चरण की रैंकिंग जारी नहीं की गई। पहले और दूसरे चरण की रैंकिंग में नागपुर शहर में सुधार दिखा। लेकिन तीसरे चरण को लेकर डर है। डर स्वाभाविक है। तीसरे चरण के बीच यानी नवंबर में शहर का ठेका कनक से छीनकर नई कंपनी बीवीजी और एजी एन्वॉयरो को दिया गया। काम हस्तांतरण होने से नई कंपनी व्यवस्था संभालने में नाकाम रही। ऐसे में शहर भर में कचरे के ढेर देखे गए। जिसका असर मनपा को तीसरी रैंकिंग पर होने का अंदेशा है। तीसरी रैंकिंग के नंबर के साथ केंद्रीय टीम स्वच्छता सर्वेक्षण की फाइनल रैंकिंग जारी करेगी। इसे लेकर मनपा अधिकारियों की धड़कनें बढ़ गई हैं।
6 हजार अंकों के लिए जद्दोजहद
स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में 6 हजार अंक रखे गए हैं। इसके लिए चार मानकों पर मनपा को खरा उतरना होता है। पहला सर्विस लेवल प्रोग्रेस। इसमें 1500 अंक होते हैं। मनपा ने जो जानकारी दी है, उसका निरीक्षण कर अंक मिलते हैं। दूसरा सर्टिफिकेशन है। इसमें भी 1500 अंक है। सर्टिफिकेशन में भी दो तरह की कैटेगरी है। स्टार रेटिंग और ओडीएस। तीसरा है सिटीजन फिडबैक। इसमें भी 1500 अंक है। फिडबैक में नागरिकों से प्रतिक्रिया ली जाती है। चौथा है डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन। इसमें भी 1500 अंक है। शहर को स्वच्छता में टॉप बनाने के लिए मनपा को इस पर खरा उतरना होगा।
Created On :   17 Jan 2020 5:44 AM GMT