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सरकारी राशि में गबन, इस पंचायत के सरपंच-सचिव को मिली 5-5 साल की सजा
डिजिटल डेस्क, बालाघाट। पंचायत में शासन की योजना में राशि का गबन किये जाने के मामले में बालाघाट न्यायालय के माननीय न्यायाधीश दीपक कुमार त्रिपाठी की अदालत ने आज 15 जनवरी को दिये गये फैसले में बैहर अंतर्गत जत्ता पंचायत के तत्कालीन सरपंच एवं सचिव को 5-5 वर्ष के कारावास और 50-50 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अदालत ने माना कि लोकसेवक होते हुए दोषियों ने आपराधिक न्यायभंग जैसे गंभीर अपराध किया है। जिसमें यदि दोषियों के खिलाफ सहानुभुति रवैया अपनाया गया तो अच्छा संदेश नहीं जायेगा। माननीय न्यायालय में अभियोजन की ओर से लोक अभियोजन मदनमोहन द्धिवेदी ने पैरवी की थी।
घटनाक्रम के अनुसार 19 जुलाई 2010 से 4 फरवरी 2011 के दौरान बैहर थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत जत्ता के तत्कालीन सरपंच 30 वर्षीय मंगलेश पिता जियालाल उईके और सचिव 46 वर्षीय हरिप्रसाद पिता कोेदूराम उईके पर आरोप था कि बीआरजीएफ की राशि में दोनो ने मिलकर शासकीय राशि का गबन करके उसे अपने उपयोग में खर्च किया।
तत्कालीन सरपंच और सचिव पर आरोप था कि 15 दिसंबर 2009 को आयुर्वेदिक भवन के 5 लाख, अपना घर निर्माण में 35 हजार और टेलीफोन व्यवस्था की 6 हजार रूपये की राशि एवं 10 दिसंबर 2010 को आयुर्वेदिक भवन निर्माण के 5 लाख रूपये और अपना घर निर्माण में 45 हजार रूपये की राशि को आहरित कर उसे अपने उपयोग में लिया गया। इस तरह दो वर्ष में कुल 10 लाख 86 हजार रूपये की राशि में विभिन्न तिथियों में 7 लाख 87 हजार रूपये की राशि अपने उपयोग में लेकर गबन किया गया।
आरोप के बाद दोनो के खिलाफ 409 का मामला दर्ज किया गया था। जिसमें पुलिस विवेचना उपरांत यह मामला न्यायालय में विचाराधीन था। आज आये न्यायालय के फैसले में न्यायालय में यह सिद्ध हो गया कि आरोपी मंगलेश उइके ग्राम की जनता द्वारा निर्वाचित सरपंच और हरीप्रसाद उईके शासन द्वारा नियुक्त सचिव के रूप में लोकसेवक के जिम्मेदार पर रहते हुए आयुर्वेदिक औषधालय की राशि में 6 लाख का गबन किया गया, जो अपराधिक श्रेणी में आता है। जिस पर फैसले देते हुए बालाघाट न्यायालय के माननीय न्यायाधीश श्री त्रिपाठी ने दोनो ही आरोपी को दोषी पाते हुए 5-5 हजार रूपये के अर्थदंड और 50-50 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला दिया है।
Created On :   15 Jan 2018 6:39 PM IST