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सरपंच के आरक्षण प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती
-प्रिंसिपल सिक्रेटरी और कलेक्टर को मामले में बनाया अनावेदक, कल होगी सुनवाई
डिजिटल डेस्क सिंगरौली(वैढऩ) । ग्राम पंचायतों की आरक्षण की सूची जारी होने के बाद शिकवा-शिकायतों का दौर जारी हो गया है। इतना ही नहीं आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर अब हाईकोर्ट में पहुंच गया है। आरक्षण प्रक्रिया का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुये आवेदक श्रवण सिंह ने मामले का हाईकोर्ट में चुनौती दी है। अब इनकी याचिका पर 5 फरवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता ने मामले मेें प्रिंसिपल सिक्रेटरी और कलेक्टर को मामले में अनावेदक बनाया है।
यह मामला मकरोहर निवासी राजधर सिंह के माध्यम से आवेदक ने दायर किया है। आरोप है कि कलेक्टर द्वारा आरक्षण प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया गया। इसके चलते आरक्षण की प्रक्रिया दूषित हो गई है। आवेदक ने 27 जनवरी को आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी 6 दिनों तक सूची जारी नहीं करने का भी आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता का मामले में कहना है कि प्रशासन 27 जनवरी को आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 28 को फिर कराई गई है।
सात दिन बाद जारी हुई वार्डों की सूची
सूची को लेकर विवाद गहराने के बाद प्रशासन सोमवार को ग्राम पंचायत के वार्डों के आरक्षण की स्थिति को स्पष्ट कर दी है। वार्डों के आरक्षण की सूची जारी होने के जानकारी सामने आने के देर शाम तक जिला पंचायत में गहमागहमी का माहौल बना रहा। बताया जाता है कि जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष, सरपंच के आरक्षण को लेकर अब एक दर्जन अधिक दावा-आपत्तियां पहुंच गई हैं। ऐसे में प्रशासन इन दावा आपत्तियों के निराकरण की तैयारी में है।
अब तक चार याचिकाएं पहुंची हाईकोर्ट
जिपं सदस्य, जनपद अध्यक्ष और सरपंच के आरक्षण सूची जारी होने के बाद अब चार याचिकाएं हाईकोर्ट में पहुंच गई हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि आरक्षण की प्रक्रिया में प्रशासन तय नियमों का पालन नहीं किया गया है। इसके चलते याचिका दायर कर आरक्षण की प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की गई है।
Created On :   4 Feb 2020 2:23 PM IST