चंदा कोचर की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार

SC refuses urgent hearing on Chanda Kochhars plea
चंदा कोचर की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार
हाईकोर्ट चंदा कोचर की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने वीडियोकॉन समूह को कर्ज आवंटन से जुड़ी कथित अनियमितता व धोखाधड़ी के मामले में आरोपी आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी चंदा कोचर व उनके पति दीपक की ओर से दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोचर ने याचिका में अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया है और मामले को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। मंगलवार को अवकाशकालीन न्यायमूर्ति माधव जामदार व न्यायमूर्ति एसजी चपलगांवकर की खंडपीठ के सामने कोचर की ओर से दायर याचिका का उल्लेख किया गया। इस दौरान कोचर की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता कुशल मोर ने कहा कि इस मामले में सीबीआई ने मेरी मुवक्किल(चंदा) को गिरफ्तार करने से पहले भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून की धारा 17ए के तहत सक्षम प्राधिकरण से जरुरी मंजूरी नहीं ली है। इसलिए सीबीआई की ओर से अवैध रुप से मेरी मुवक्किल की गिरफ्तारी की गई है। इसके अलावा एफआईआर दर्ज करने के चार साल बाद सीबीआई ने इस मामले में मेरी मुवक्किल की गिरफ्तारी की है। इस मामले में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। इसलिए मामले से जुड़ी याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए। किंतु खंडपीठ ने कहा छुट्टियों के दौरान यह याचिका सुनवाई के लिए उपयुक्त नहीं है।याचिकाककर्ता चाहे तो जमानत के लिए आवेदन कर सकते है। खंडपीठ ने दो जनवरी 2023 को इस याचिका पर सुनवाई रखी है। 

सीबीआई ने कोचर व उनके पति को इस मामले में 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। फिलहाल विशेष अदालत ने कोचर व उनके पति को 28 दिसंबर 2022 तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा है। इस मामले में वेणुगोपाल धूत भी सीबीआई की हिरासत में है। इस मामले में आरोप है कि कोचर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए साल 2012 में वीडियोकॉन समूह को 3250 करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज दे दिए जिसके बदले धूत ने चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनियों नुपावर रिन्यूवल, सुप्रीम एनर्जी में 64 करोड़ रुपए का निवेश किया। आरोप है कि फर्जी तरीके से कर्ज मंजूर करने के बदले यह रकम इस तरीके से घूस के तौर पर दी गई। वीडियोकॉन समूह लिया गया कर्ज वापस नही कर पाया और उसे एनपीए घोषित कर दिया गया। चंदा ने 2018 में आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ का पद छोड़ा था। 2019 में सीबीआई ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। 

 

Created On :   27 Dec 2022 9:28 PM IST

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