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विधानसभा में घोटाला : रिटायरमेंट के बाद भी काम पर रखा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। राज्य विधानसभा सचिवालय में एक नया घोटाला सामने आया है। दो कर्मियों को रिटायरमेंट के बाद भी काम पर रखा और उनके उपस्थिति पत्रक पर साईन भी कराए । यही नहीं, एक कर्मी को तो रिटायरमेंट के बाद दो माह का वेतन भी दे दिया।
विधानसभा सचिवालय में सहायक मार्शल पद पर कार्यरत रंजना पूजदेकर 31 मार्च,2018 को 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर रिटायर हो गई थीं। परंतु उन्हें रिटायर न कर उन्हें काम पर जारी रखा। रंजना पूजदेकर विधवा है। वहीं, सूचना अधिकारी के पद पर कार्यरत गोविन्द तिवारी 30 अप्रैल,2018 को साठ वर्ष पूर्ण करने पर रिटायर हुए, लेकिन उन्हें भी रिटायर न कर काम पर जारी रखा। दोनों कर्मियों से उपस्थिति पत्रक पर रोजाना हस्ताक्षर भी कराए जा रहे हैं।
दरअसल इन दोनों से कहा गया था कि जिस प्रकार राज्य शासन के सेवकों के लिए 31 मार्च,2018 से सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष की गई है उसी प्रकार इनकी भी रिटायरमेंट आयु बढ़ जाएगी। राज्य सरकार के सेवकों की रिटायरमेंट उम्र 60 से 62 वर्ष करने का अध्यादेश जारी हुआ, लेकिन विधानसभा सचिवालय के लिए ऐसा अध्यादेश जारी नहीं हुआ। इसके लिए मंगलवार को विधानसभा की बैठक में मप्र विधानसभा सचिवालय सेवा संशोधन विधेयक पारित किया गया, जिसमें लिखा है कि इस विधेयक के राज्यपाल से मंजूर होने और राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से यह लागू होगा।
इस विधेयक में विधानसभा सचिवालय के कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने का प्रावधान है। इस विधेयक के राज्यपाल से मंजूर होने और राजपत्र में प्रकाशन हेतु करीब पन्द्रह दिन और लगेंगे। ऐसे में उक्त दो रिटायर्ड कर्मियों को इस विधेयक का लाभ नहीं मिल पायेगा, क्योंकि यह बैक डेट से लागू नहीं किया गया है।
सहायक मार्शल रंजना पूजदेकर तो 31 मार्च के बाद वेतन नहीं दिया जा रहा था, परंतु सूचना अधिकारी गोविन्द तिवारी को मई एवं जून का वेतन दे दिया गया। मंगलवार को विधानसभा में सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने संबंधी आय विधेयक में इसे लागू करने की तिथि 31 मार्च,2018 करने के लिए पांच विधायकों रामनिवास रावत, हरदीप सिंह डंग, रामकिशोर दोगने, डॉ गोविन्द सिंह व बाला बच्चन ने संशोधन भी दिए थे, परंतु हंगामे के कारण ये संशोधन नहीं आ पाए तथा विधेयक यथावत पारित हो गया। इससे समूचे विधानसभा सचिवालय के कर्मियों में भारी आक्रोष व्याप्त है तथा वे अब राज्यपाल के पास जाकर इस विधेयक में बेक डेट डलवाने का ज्ञापन सौंपने की तैयारी कर रहे हैं।
इनका कहना है
‘‘रिटारयरमेंट के बाद भी दो कर्मियों से काम लिए जाने की बात सही है। विधि विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था कि बेक डेट से यह विधेयक लागू करें परंतु उसने इसके लिए सहमति नहीं दी। अब इन दोनों कर्मियों का आगे क्या होगा इसके बारे में जल्द निर्णय लिया जाएगा।’’
वीरेन्द्र कुमार सिंह अपर सचिव विधानसभा सचिवालय
Created On :   27 Jun 2018 4:37 PM IST