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सवा सौ दिन भी नहीं लगे विद्यालय, बोर्ड परीक्षा सिर पर
डिजिटल डेस्क पन्ना। माध्यमिक शिक्षा मण्डल बोर्ड भोपाल द्वारा कक्षा १२वीं एवं १०वीं की बोर्ड परीक्षायें १७-१८ फरवरी से शुरू हो रहीं हैं। विद्यार्थी फरवरी माह में ही परीक्षा हो जायेगी इसको लेकर कोरोना की स्थिति को लेकर ससंकित थे किंतु बोर्ड द्वारा पूर्व में जारी की गई डेट शीट पर ही परीक्षायें सम्पन्न कराने को लेकर तैयारियां तेज कर दी गईं हैं। छात्रों के प्रवेश पत्र आनलाईन अपलोड हो चुके हैं और शिक्षा विभाग द्वारा परीक्षा के आयोजन को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। विद्यार्थियों की चिंता इस बात को लेकर है कि स्कूलों में उनका पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ है और विषय पाठ्यक्रम की परीक्षा उन्हें देनी है। विद्यालयों के शैक्षणिक कैलेण्डर के अनुसार लगभग २४० दिन से भी अधिक कक्षायें स्कूलों में लगनी चाहिए किंतु कोविड-१९ संक्रमण से प्रभावित सत्र २०२१-२२ में शत-प्रतिशत उपस्थिति के साथ पूरे वर्ष के दौरान विद्यालय नहीं लगे। जानकारी के अनुसार प्रदेश में सरकार द्वारा कक्षा ११वीं तथा १२वीं के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों की ओपनिंग २६ जुलाई २०२१ से की गई थी। इसके बाद कक्षा ९वीं तथा १०वीं के छात्रों के लिए स्कूलों में अध्यापन कार्य की शुरूआत ०५ अगस्त से की गई थी। स्कूलों में कक्षाओं में उपस्थिति को लेकर गाईडलाईन यह जारी की गई थी कि पचास प्रतिशत छात्रों के साथ ही कक्षाओं का संचालन हो। इसके बाद कोरोना की तीसरी लहर के दौरान १३ जनवरी से ३१ जनवरी तक स्कूलों को फिर से विद्यार्थियों के लिए बंद कर दिया गया। सत्र में हाई स्कूल तथा हायर सेकेण्डरी स्कूल विद्यार्थियों के लिए कितने दिन संचालित हुए इसकी जानकारी जब विद्यालयों से जुटाई गई तो पता चला है कि अब तक मात्र १२१ दिन ही विद्यार्थियों को विद्यालय बुलाया गया। गाईडलाईन यह थी कि पचास फीसदी उपस्थिति के साथ ही छात्रों को कक्षाओं में बैठाया जाये इस आधार पर कह सकते हैं कि हाई स्कूल कक्षा १०वीं एवं हायर सेकेण्डरी कक्षा १२वीं में पढने वाले छात्रों को अपनी कक्षाओं में पढने के लिए लगभग साठ दिन का ही समय मिल पाया और इसकी वजह से विद्यार्थियों की पढाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है। नियमित रूप से विद्यालय में पढने वाले छात्रों का कहना है कि एक चौथाई पाठ्यक्रम ही कक्षाओं में पूरा हो पाया है। ऐसे में पूरे पाठ्यक्रम के साथ परीक्षाओं का आयोजन हो रहा है। जिसके चलते छात्र परीक्षा परिणामों को लेकर चिंतित है।
सरकारी स्कूलों में आनलाईन पढाई न के बराबर
सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के दौरान स्कूल बंद होने पर छात्रों को आनलाईन पढाये जाने का दावा भले ही किया जा रहा हो किंतु ऑनलाईन पढाई का कार्य मैदानी स्तर पर न के बराबर ही रहा है। विद्यालय के कुछेक शिक्षकों को छोड दें तो अधिकांश शिक्षक आनलाईन अध्यापन कार्य से दूर रहे हैं। वहीं ऑनलाईन की व्यवस्था को लेकर गरीब छात्रों की स्थिति काफी कमजोर बताई जा रही है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के गरीब छात्रों के पास एंड्राईड मोबाईल की सुविधा नहीं होने की वजह से जिन शिक्षकों द्वारा ऑनलाईन कक्षायें लगाई भी गईं वह छात्र उससे लाभाविन्त नहीं हो पाये।
पिछले सत्र भी कोरोना से रहा प्रभावित
बीते शैक्षणिक सत्र २०२०-२१ में कक्षा ९वीं में पढने वाले छात्र इस सत्र में कक्षा १०वीं के परीक्षार्थीं हैं। वहीं पिछले सत्र में कक्षा ११वीं में पढने वाले छात्र इस वर्ष १२वीं के परीक्षार्थी हैं। सत्र २०२०-२१ का शैक्षणिक सत्र कोरोना की वजह से लगभग पूरी तरह प्रभावित रहा है और छात्रों की बेसिक स्थिति कक्षाओं के संचालन नहीं होने की वजह से काफी कमजोर हो चुकी थी। इसके बाद सत्र २०२०-२१ में शैक्षणिक सत्र की कक्षायें आधे सभी कम समय तक ही लग सकीं हैं। इन तमाम स्थितियों के बीच बोर्ड परीक्षायें उन्हें फरवरी माह में ही देनी पड रहीं हैं और इसको लेकर वह छात्र संसाधन विहीन तथा आर्थिक रूप से कमजोर है अपने आपको असहज पा रहे हैं।
Created On :   7 Feb 2022 12:04 PM IST