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स्कूल, अस्पताल परिसर साइलेंट जोन में रहेगी शांति , लगेगा वायु गुणवत्ता जांच संयंत्र
डिजिटल डेस्क, नागपुर। वायु गुणवत्ता जांच के लिए महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण महामंडल की शहर में 4 संयंत्र लगाने की योजना है। संयंत्र लगाने के लिए जगह उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी मनपा पर है। एक जगह उपलब्ध कराए जाने से वहां संयंत्र लगाया गया है। 3 संयंत्रों के लिए जगह की तलाश जारी है। शहर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए हरित क्षेत्र निर्माण पर पर्यावरण नियंत्रण नागरिक कृति समिति की बैठक में चर्चा की गई। पर्यावरण नियंत्रण विभाग की उप प्रादेशिक अधिकारी हेमा देशपांडे ने बताया कि जगह निश्चित किए गए हैं। उसे कब्जे में लेने के लिए संबंधित विभागों में चर्चा जारी है। रास्ता द्विभाजक पर पौधारोपण, रास्तों के किनारे पौधे लगाना समिति की जिम्मेदारी है। जिस जगह प्रदूषण का प्रमाण अधिक है, ऐसे क्षेत्र चिह्नित कर उद्यान विभाग के माध्यम से पौधारोपण करने के निर्देश अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी ने दिए।
जनजागरण अभियान की समीक्षा
पर्यावरण संरक्षण के अन्य मुद्दों पर बैठक में चर्चा की गई। मनपा के उद्यानों में कंपोस्ट खाद उत्पादन, बगीचे में पेड़ों की पत्तियां तथा कचरा कंपोस्ट खाद उत्पादन की जगह जमा करने, उस जगह शेड बनाने के निर्देश दिए गए। प्रदूषण नियंत्रण के प्रति नागरिकों में जनजागरण करने मनपा की ओर किए जा रहे जनजागरण अभियान की समीक्षा की गई। मनपा द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से जनजागरण किए जाने की जानकारी जनसंपर्क अधिकारी मनीष सोनी ने दी। कचरा संकलन वर्गीकृत कर गाड़ी में डालने, संकलन के लिए घूमने वाली गाड़ियों पर कचरे के वर्गीकरण के फलक लगाने की सूचना दी गई। मैकेनिकल स्ट्रीट स्वीपर और वाॅटर स्प्रींकलर के संबंध में चर्चा की गई। मैकेनिकल स्ट्रीट स्वीपर की निविदा स्तर पर प्रक्रिया शुरू रहने की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील कांबले ने जानकारी दी।
साइलेंट जोन में डीजे, पटाखों की आवाज अपराध
स्कूल, अस्पताल साइलेंट जोन में आते हैं। इस परिसर में पटाखे जलाना, तेज आवाज में डीजे बजाना अपराध है। शांति भंग करने वालों पर अंकुश रखकर शांति बनाए रखने का आह्वान किया गया। स्कूल, अस्पताल परिसर में मंगल कार्यालय रहने पर ध्वनि प्रदूषण की समस्या होती है। तेज आवाज से विद्यार्थी तथा मरीजों को परेशानी होने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को पत्र देकर सहायता लेने के निर्देश दिए गए। राष्ट्रीय हरित लवाद के आदेश पर वायु गुणवत्ता में सुधार, प्रदूषण नियंत्रण का कृति प्रारूप 6 महीने में तैयार करने पेश करने के लिए कहा गया। बैठक में जलप्रदाय विभाग की कार्यकारी अभियंता श्वेता बैनर्जी, समिति सदस्य तथा पर्यावरण नियंत्रण महामंडल की उपप्रादेशिक अधिकारी हेमा देशपांडे, क्षेत्रीय अधिकारी शीतल उदाड़े, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील कांबले, स्वच्छ भारत अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप दासरवार, उद्यान विभाग अधीक्षक अमोल चौरपगार, नासुप्र के अभियंता प्रमोद धनकर, प्रादेशिक यातायात विभाग के विनोद जाधव, पुलिस विभाग के ओम सोनटक्के, सहायक अभियंता रूपराव राऊत, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अभियंता संदीप लोखंडे आदि उपस्थित थे।
Created On :   15 Nov 2019 10:40 AM IST