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स्कूल खुले और विद्यार्थियों में नजर आया उत्साह
डिजिटल डेस्क, नागपुर। करीब डेढ़ वर्ष बाद सोमवार को स्कूलों के आंगन गुलजार नजर आए। जब बच्चे स्कूल पहुंचे, तो वे चहक रहे थे। उनके चेहरे पर मुस्कान, दोस्तों से मिलने की खुशी, नए जोश के साथ पढ़ाई करने की ललक देखते ही बन रही थी। कुछ स्कूल ड्रेस में आए, तो कुछ कलर कपड़ों में पहुंचे। कुछ स्कूलों ने बच्चों का बैंड बाजा, रंगोली बना कर और तिलक लगाकर स्वागत किया। शिक्षक भी बच्चों की खुशी में शामिल थे। सभी बच्चों को सर्वप्रथम कोविड गाइड लाइन के बारे में बताया गया, उनका थर्मल स्क्रीनिंग कर हाथों को सैनिटाइज करवाया गया, फिर कक्षा में सोशल डिस्टेंस के साथ बैठाया गया। बच्चों को माता-पिता ने भी सभी जरूरी निर्देश समझा कर स्कूल भेजा, कोई स्कूल वैन से आया, तो किसी को उनके माता-पिता छोड़ने आए, तो कोई पैदल ही स्कूल के लिए निकल पड़ा। हालांकि स्कूलों में अभी बच्चों की संख्या कम देखी गई, क्योंकि कुछ के माता-पिता अभी भी बच्चों को लेकर डरे हुए हैं।
बनाई गई रंगोली
हुनमान नगर स्थित मनपा के लालबहादुर शास्त्री स्कूल में विद्यार्थियों का स्वागत रंगोली और बैंड-बाजे से किया गया। फिर उन्हें तिलक लगाया गया। डेढ़ वर्ष बाद स्कूल आए विद्यार्थियों से उनके अनुभव साझा किए गए। इससे पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई। सैनिटाइजर से हाथ साफ करवाया गया और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बच्चों को क्लास रूम में बैठाया गया। इस दौरान बच्चे काफी खुश थे।
ड्रेस छोटी हो गई
लंबे अंतराल के बाद स्कूल खुलने से कई बच्चे कलर ड्रेस में आए। बच्चों का कहना था कि स्कूल ड्रेस छोटी हो गई, इसलिए कलर ड्रेस में आना पड़ा। कक्षा में एक बेंच पर एक बच्चे को ही बैठने की अनुमति दी गई। विद्यार्थियों को अपने साथ पानी, सैनिटाइजर लाना अनिवार्य था। कोरोना गाइड लाइन के अनुसार लंच ब्रेक नहीं हुआ।
दोस्तों से मिलने का इंतजार
इकरा शेख (कक्षा 10), लालबहादुर शास्त्री स्कूल के छात्र ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस चल रही थीं, लेकिन स्कूल में आकर बहुत ही अच्छा लग रहा है। डेढ़ साल बाद दोस्तों से मिलकर बेहद खुशी हो रही है। पापा स्कूल छोड़ने आए थे। टीचर ने कोरोना की गाइड लाइन भेजी थी। घर में मम्मी-पापा ने भी कोरोना संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है।
कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखा
संजय पुंड, प्रधानाध्यापक, लाल बहादुर शास्त्री स्कूल के मुताबिक विद्यार्थियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इस बता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। बच्चों का स्वागत धूमधाम से किया गया। जिन बच्चों ने स्कार्फ या रूमाल बांधा था, उन्हें मास्क का वितरण किया गया। क्लास शुरू होने के पहले बच्चों को कोरोना संबंधी दिशा-निर्देश दिए गए। बच्चों को लंच बॉक्स लाने की अनुमति नहीं है। पहले दिन संख्या तो कम थी, लेकिन बच्चों में उत्साह देखते ही बन रहा था। स्कूल का माहौल पाकर बच्चों में पढ़ने की ललक नजर आ रही थी।
महापौर ने गुलाब का फूल देकर किया स्वागत
महानगर पालिका के स्कूलों की घंटी सोमवार को बजी। स्कूल के पहले दिन महापौर दयाशंकर तिवारी ने हनुमान नगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंग्लिश स्कूल के छात्रों का उत्साहवर्धन करने के लिए गुलाब के फूल से स्वागत किया। इस दौरान महापौर ने कहा कि कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा नुकसान शिक्षा क्षेत्र के साथ-साथ छात्रों को भी हुआ है। हालांकि इस दौरान निगम के स्कूलों के शिक्षकों ने ऑनलाइन व ऑफलाइन कक्षाएं लीं, ताकि उनकी पढ़ाई बाधित न हो. जो बच्चे ऑनलाइन शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं, उनके घर जाकर शिक्षकों ने पढ़ाया। इस अवसर पर शिक्षण समिति सभापति प्रा. दिलीप दिवे, नगरसेवक डॉ. रवींद्र भोयर, शिक्षाधिकारी प्रीति मिश्रीकोटकर आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका मधु ितवारी व आभार प्राथमिक शाला की मुख्याध्यापिका सरिता येवले ने माना।
विद्यार्थियों में नजर आया उत्साह
कोरोना वायरस के चलते करीब डेढ़ वर्ष से बंद पड़े स्कूल सोमवार 4 अक्टूबर से सरकार द्वारा जारी गाइड-लाइन के साथ फिर शुरू हो गए। पहले ही दिन शालाओं में विद्यार्थियों की अच्छी खासी उपस्थिति रही, लेकिन गोंदिया जिले में कम ही विद्यार्थी स्कूल पहुंच पाएं। संक्रमण कम होते ही आखिरकार राज्य सरकार के आदेश के बाद संपूर्ण जिलों में स्कूलों में विद्यार्थियों का आगमन हुआ। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी विद्यार्थियों में उत्साह देखा गया। प्रत्येक स्कूल में कोरोना संक्रमण से विद्यार्थियों सुरक्षित रखे जाने के लिए सभी प्रकार की उपाय योजनाएं देखी गईं। लेेकिन गोंदिया जिले में विद्यार्थियों की 50 प्रतिशत ही उपस्थिति रही।
Created On :   4 Oct 2021 9:56 PM IST