गोबर से बनेगी लक्ष्मीजी और भगवान गणेश की मूर्तियां , दीपक,-सीएलएफ चलायेगा यूनिट 

Sculptures, lamps, sculptures of Laxmiji and Lord Ganesha to be made from cow dung - CLF will run the unit
गोबर से बनेगी लक्ष्मीजी और भगवान गणेश की मूर्तियां , दीपक,-सीएलएफ चलायेगा यूनिट 
गोबर से बनेगी लक्ष्मीजी और भगवान गणेश की मूर्तियां , दीपक,-सीएलएफ चलायेगा यूनिट 

 डिजिटल डेस्क मंडला। मंडला जिले में गोबर से भगवान की मूर्तियां, दीपक, लकड़ी और गमले तैयार किये जाएगें। इसके लिए आजाविका मिशन मशीन लगा रहा है। निवास के हाथीतारा रैयत में गोबर से मूर्ति निर्माण किया जाएगा।  मशीन एक-दो दिन में लग जाएगी। जिसके बाद जल्द ही यूनिट में काम शुरू हो जाएगा। इससे सागर सीएलएफ में जुड़ी समूह की महिलाओं को फायदा मिलेगा। 
जानकारी के मुताबिक मप्र डे राज्य आजीविका मिशन महिलाओं को सशक्त करने के लिए विभिन्न कार्यो के तहत स्वरोजगार से जोड़ रहा है। जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को बेहतर किया जा सके। महिलाओं को समाज में सम्मान मिले। आजीविका मिशन के द्वारा जिले में नया काम शुरू किया जा रहा है। निवास के हाथीतारा रैयत में गोबर के उपयोग कर मूर्तियां, दीपक, गमले और लकड़ी बनाई जाएगी। इन्हे मार्केट में विक्रय किया जाएगा। जिससे महिलाओं को आय को बढ़ाया जा सके।
दीपावली में मूर्ति निर्माण-
बताया गया है कि दीपोत्सव पर्व आने वाला है। जिसमें गणेश और लक्ष्मी जी की मूॢतयों पूजन के लिए लोग घर ले जाएगे। इसके लिए सीएलएफ पहले मूॢतयां और दीपक बनायेगा। इसके बाद लकड़ी और गमले का निर्माण करेगे। सीजन के हिसाब निर्माण कार्य किये जाएगे। मूर्तियों मे गोबर के अलावा मिट्टी, गेरू,  चूना का इस्तेमाल भी किया जाएगा। जिससे कलाकृति सुंदर और आकर्षक लगे। यहां मशीन की डाई से आकार दिया जाएगा। 
दो क्विंटल गोबर की खपत-
यहां रोजाना 2 क्विंटल तक गोबर को उपयोग किया जा सकता है। मशीन लगने से पहले सीएलएफ में आने वाली सभी समूह की महिलाएं गोबर को एकत्र कर रही है। जिससे पर्याप्त मात्रा में गोबर एकत्र किया जा सके। जरूरत पडऩे पर गोबर खरीदा भी जा सकता है। जिससे पशुपालन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। 
मार्केट उपलब्ध करायेगा विभाग-
गोबर से बनी सामग्री को विक्रय करने के लिए मार्केट  उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए आजीविका मिशन तैयारी कर रहा है। मंडला और जबलपुर के मार्केट में गोबर से बनी सामग्री बेची जाएगी। जरूरत के हिसाब से भोपाल और अन्य महानगरों में गोबर से बनी मूर्तियां को विक्रय के मार्केट खोजा जाएगा। जिससे महिला अधिक से अधिक मूर्ति और गोबर से सामग्री बनाकर विक्रय कर सके। 
इनका कहना है 
गोबर से मूर्तियां, दीपक, गमले बनाने के लिए हाथीतारा रैयत में मशीन लगाई जा रही है, सागर सीएलएफ इसका संचालन करेगा। गोबर से बनी सामग्री के लिए मार्केट उपलब्ध कराया जाएगा, गोबर से मूर्ति बनाये को प्रयोग बिल्कुल नया है। 
डीडी भैंसारे, डीपीएम, आजीविका मिशन
 

Created On :   7 Oct 2019 9:00 AM GMT

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