फर्जी तौर पर BPL खाद्यान्न का लाभ लेने वाले से बाजार रेट से होगी वसूली, FIR के निर्देश

SDM court instruct to realize market rates from fake beneficiaries
फर्जी तौर पर BPL खाद्यान्न का लाभ लेने वाले से बाजार रेट से होगी वसूली, FIR के निर्देश
फर्जी तौर पर BPL खाद्यान्न का लाभ लेने वाले से बाजार रेट से होगी वसूली, FIR के निर्देश

डिजिटल डेस्क, शहडोल। जनपद पंचायत गोहपारू के ग्राम पंचायत नवागांव में बीपीएल योजना का फर्जी तौर पर लाभ उठाने के मामले का पर्दाफाश हुआ है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लाभ उठाने वाला कोई और नहीं नवागांव का उपसरपंच ही निकला। जिसने लगातार 10 वर्षों तक खाद्यान्न का उठाव किया। मामले की हुई शिकायत में जांच के बाद एसडीएम कोर्ट जयसिंहनगर द्वारा ली गई सामग्रियों की वसलूी बाजार दर से कराने के साथ उपसरपंच संतोष कुमार चतुर्वेदी व सूची में नाम जोड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले तत्कालीन पंचायत सचिव रामकृपाल सिंह के विरुद्ध एफआईआर के निर्देश जारी किए गए हैं।

नवागांव निवासी पवन कुमार पाण्डेय द्वारा इस आशय की शिकायत की गई थी कि उप सरपंच नवागांव संतोष कुमार चतुर्वेदी द्वारा लगभग 10 वर्षों से अति गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने का खाद्यान्न एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा फर्जी पात्रता पर्ची बनवाकर खाद्यान्न का लाभ लिया जा रहा है। बीपीएल सर्वे सूची 2003 में नाम नहीं होने के कारण ग्राम उदय भारत उदय में संतोष की पत्नी सुनीता चतुर्वेदी द्वारा बीपीएल में नाम जोड़ने के लिए आवेदन दिया गया था, जिसे नायब तहसीलदार द्वारा अपात्र कर दिया गया। फिर भी फर्जी पत्रता पर्ची से खाद्यान्न लिया जाने लगा।

सुनवाई के दौरान संतोष चतुर्वेदी ने स्वीकार किया बीपीएल सूची में उनकी पत्नी का नाम दर्ज था। वह स्वयं प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। उसके  नाम पर 2 एकड़ भूमि दर्ज है। पिता के नाम पर 18 एकड़ जमीन है। उपसरपंच की पत्नी का नाम बीपीएल सूची में जोडऩे के लिए सचिव ने कूटरचना की। कमिश्नर के यहां हुई शिकायत के बाद कलेक्टर के माध्यम से जनपद गोहपारू व नायब तहसीलदार गोहपारू से जांच कराई गई। विभिन्न धाराओं का हवाला देते हुए खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा एसडीएम न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया।

डेढ़ लाख की उठाई सामग्री
एसडीएम न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के अनुसार कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार संतोष चतुर्वेदी द्वारा बीपीएल पात्रता पर्ची के आधार पर मार्च 2008 से दिसंबर 2018 तक सामग्री उठाना प्रमाणित पाया गया है, जिसकी कीमत 1 लाख 54 हजार 193 रुपए 50 पैसे है। आदेश के अनुसान उपरोक्त राशि के रूप में शासन को क्षति पहुंचाई गई। यह राशि वसूली के लिए तहसीलदार गोहपारू को देते हुए उपसरपंच संतोष तथा सीईओ जनपद गोहपारू व तत्कालीन सचिव रामकृपाल के वेतन से कराकर शासकीय कोष में जमा कर चालान की प्रति प्रस्तुत करने को कहा गया है।

Created On :   25 Jan 2019 2:45 PM IST

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