कोरोना की दूसरी : एम्स में बेड क्षमता बढ़ाने की तैयारी रखें विभागीय आयुक्त

Second wave of Corona: Departmental Commissioner should prepare to increase bed capacity in AIIMS
कोरोना की दूसरी : एम्स में बेड क्षमता बढ़ाने की तैयारी रखें विभागीय आयुक्त
कोरोना की दूसरी : एम्स में बेड क्षमता बढ़ाने की तैयारी रखें विभागीय आयुक्त

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना मरीजों के लिए बेड की कमी पर केंद्रित जनहित याचिका पर सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने शहर के एम्स अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 500 बेड उपलब्ध कराने पर एम्स प्रबंधन की राय मांगी। एम्स निदेशक डॉ. विभा दत्ता ने शपथ-पत्र के माध्यम से बताया कि मौजूदा वक्त में 5वीं मंजिल पर 80 बेड उपलब्ध हैं, जिनमें से 40 में ऑक्सीजन सपोर्ट है। मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर में करीब 100 बेड और बढ़ाए जा सकते हैं, लेकिन कुल 500 बेड के लिए अभी इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। एक इमारत निर्माणाधीन है, जिसका काम जुलाई 2021 में पूरा होगा। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि शहर को कोरोना की दूसरी वेव के लिए भी तैयार रहना चाहिए। कोर्ट ने विभागीय आयुक्त संजीव कुमार को आदेश दिए कि वे एम्स प्रबंधन के साथ बैठक करके अस्पताल में कुल 500 बेड उपलब्ध कराने पर विचार करें। विभागीय आयुक्त ने कोर्ट को जानकारी दी कि उन्होंने इस संबंध में पहले ही एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसमें विभागीय आयुक्त, एम्स निदेशक, मेयो-मेडिकल अधिष्ठाताओं का समावेश है। यह टास्क फोर्स जल्द ही एम्स का निरीक्षण करके यहां बेड बढ़ाने की संभावनाओं पर गौर करेगी। हाईकोर्ट ने टास्क फोर्स से एक सप्ताह में जवाब मांगा है। मामले में एड.श्रीरंग भंडारकर न्यायालयीन मित्र हैं। एड.निधि दयानी उन्हें सहकार्य कर रही हैं। मनपा की ओर से एड.जेमिनी कासट ने पक्ष रखा। 

मेडिकल में लापरवाही

उधर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर को कोविड हॉस्पिटल में परिवर्तित किया गया है। नियमानुसार डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ जो कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संक्रमितों के संपर्क में आते हैं, उन्हें पीपीई किट पहन कर कार्य करना है, लेकिन वेस्ट पीपीई किट (उपयोग की हुई) का नियोजन सही तरह से नहीं हो पा रहा है। मर्च्यूरी से निकलने वाले कोविड मरीजों के शवों को स्टाफ पीपीई किट पहन कर निकालते हैं। पूरी प्रक्रिया के बाद बायो मेडिकल वेस्ट की तरह अलग जगह इसे डंप किया जाना चाहिए, लेकिन यह मर्च्यूरी के बाहर ही डाला जा रहा है। यह पूरी तरह संक्रमितों के संपर्क में आने वाली किट है। इसे परिसर में फेंकने से दूसरों को संक्रमित होने की आशंका है। 
 

Created On :   13 Oct 2020 5:59 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story