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टारगेट के करीब-करीब पहुँचे सुरक्षा संस्थान, ओएफके 100+ लक्ष्य के साथ फिर बना सिरमौर , 15 वर्षों में सबसे बेहतर प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क जबलपुर । सुरक्षा संस्थानों ने एक बार फिर साबित कर दिखाया है कि उन पर सौंपी गई हर जिम्मेदारी कितने बखूबी अंदाज से अंजाम तक पहुँचती है। शहर की हर एक आयुध निर्माणी से गोला-बारूद और सैन्य हथियारों की बड़ी खेप आर्मी डिपो के लिए सप्लाई कर दी गई है। टारगेट के आखिरी समय के बाद जब केल्कुलेशन निकाला गया तो जीसीएफ, वीएफजे और जीआईएफ टारगेट के करीब नजर आए, जबकि आयुध निर्माणी खमरिया अपने उत्पादन लक्ष्य से काफी आगे निकलने में कामयाब रही। सुरक्षा संस्थानों के लिए वित्तीय वर्ष कोविड-19 की वजह से काफी परेशानियों से भरा रहा। इसके बावजूद गन कैरिज फैक्ट्री, ग्रे आयरन फाउण्ड्री, ओएफके तथा वाहन निर्माणी ने पूरी ताकत झोंक दी। शुरुआती दौर में मटेरियल की कमी से जूझने के बाद खास तौर पर फरवरी और मार्च के महीनों में निर्माणियों को फुल लोड पर चलाया गया। खास बात यह है कि आयुध निर्माणियों से गोला-बारूद और हथियारों को डिस्पेच करने की प्रक्रिया भी युद्ध स्तर पर चलती रही।
ओएफके इस बार उम्मीद से ज्यादा आगे निकल गई। जीएम रविकांत ने मीटिंग हॉल में सभी यूनियन एसोसिएशन के श्रमिक नेताओं के साथ मीटिंग की । उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों की तुलना में यह बेहतर प्रदर्शन रहा है। जीएम ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए 1500 करोड़ रुपए का टारगेट सौंपा गया है। हमें विश्वास है कि ओएफके टीम आसानी से इस लक्ष्य को हासिल करेगी। इसके बाद जीएम ने कैंटीन हॉल पहुँचकर सभी के साथ भोजन किया।
कामगार बोले, हर कदम पर साथ - इस दौरान कामगार यूनियन के राजेन्द्र चडारिया, रूपेश पाठक, अरुण मिश्रा, लाल बहादुर राय, कृष्ण कुमार शर्मा, अनूप बाथम, अजय दीक्षित, अमित चौबे ने विश्वास दिलाया कि आयुध कर्मियों में बड़े से बड़े टारगेट को आसानी से हल करने की क्षमता है। फैक्ट्री हित में संगठन हर कदम पर साथ देगा।
Created On :   2 April 2021 2:01 PM IST