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मांगी सहूलियत- महावितरण के एमडी से मिले 250 सौर ऊर्जा उत्पादक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा प्रदेश उद्योग आघाड़ी के विदर्भ संयोजक गिरधारी मंत्री ने महावितरण से सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाले उत्पादकों के रजिस्ट्रेशन की शर्तों को सरल करने की मांग की है। गुरुवार को मंत्री के नेतृत्व में लगभग 250 सौर ऊर्जा उत्पादकों ने महावितरण के चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक विजय सिंघल से मुलाकात की है। सिंघल ने सौर ऊर्जा उत्पादकों से कहा है कि उनकी मागों के संबंध में महावितरण जल्द ही प्रशासनिक कार्यवाही पूरा करेगा।
इसके बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने सौर ऊर्जा उत्पादन प्रोत्साहन नीति के तहत महाराष्ट्र को 500 मेगावाट सौर ऊर्जा निर्माण का लक्ष्य दिया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने लगभग 600 करोड़ रुपए की सब्सिडी मंजूर की है। केंद्र सरकार की इस योजना के तहत सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए उत्पादक कंपनियों को महावितरण में रजिस्ट्रेशन करना होता है लेकिन महावितरण ने सौर ऊर्जा उत्पादकों को रजिस्ट्रेशन (इनपैनल) के लिए ऐसी शर्ते लगाई हैं, जिसके मानक नए सौर ऊर्जा उत्पादक पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए महावतिरण से रजिस्ट्रेशन की शर्तों के नियमों को सरल करने की मांग की गई है। मंत्री ने कहा कि महावितरण सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए गंभीर नहीं है।
उन्होंने कहा कि महावितरण ने 50 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए टेंडर प्रकाशित किया था। परंतु इस टेंडर में सब्सिडी के वितरण के संबंध में स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया था। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत भी महावितरण के अफसरों को सौर ऊर्जा उत्पादकों की मांगों को लेकर उचित फैसला करने के निर्देश दे चुके हैं लेकिन महावतिरण की ओर से अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। मंत्री ने कहा कि महावितरण को 25 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन में 2 साल लगे हैं। सौर ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र में राज्य में 5 हजार छोटे और मध्यम उद्यमी कार्यरत हैं। इस क्षेत्र में लगभग 10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार उपलब्ध हो सकता है। लेकिन महावितरण की ढुलमुल नीति के कारण सौर ऊर्जा निर्माण व्यवसाय पर विपरित परिणाम हो रहा है।
Created On :   19 Nov 2021 3:44 PM IST