स्वकराधान अधिकारी को निलंबित कर कराएंगे जांच - सदन में की मंत्री ने घोषणा ; सौ करोड़ की अनियमितता का आरोप

Self-government officer will be suspended for investigation - Minister announced in the house
स्वकराधान अधिकारी को निलंबित कर कराएंगे जांच - सदन में की मंत्री ने घोषणा ; सौ करोड़ की अनियमितता का आरोप
स्वकराधान अधिकारी को निलंबित कर कराएंगे जांच - सदन में की मंत्री ने घोषणा ; सौ करोड़ की अनियमितता का आरोप

डिजिटल डेस्क कटनी । स्व कराधान योजना में जिले की 31 ग्राम पंचायतों को परफार्मेंस ग्रांट से छह करोड़ रुपये से अधिक की राशि का कथित घोटाला शुक्रवार को विधानसभा में गूंजा। विजयराघवगढ़ विधायक संजय सत्येन्द्र पाठक ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से यह मामला उठाते हुए कहा कि स्वकराधान में पूरे प्रदेश में तीन सौ करोड़ रुपये की गड़बड़ी की गई है। विधायक श्री पाठक ने दोषी अधिकारी कर्मचारी को निलंबित कर पूरे मामले की जांच कराने की मांग की। इसी मामले पर मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल ने भी अतारांकित प्रश्न लगाकर शासन से जवाब मांगा। विधानसभा अध्यक्ष एनपीप्रजापति के निर्देश पर पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल ने संबंधित अधिकारी को निलंबित कर जांच कराने का आश्वासन दिया। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने उस अधिकारी को जिले से हटाकर जांच कराने कहा। 
हर केन्द्र में बढ़ाई 50 फीसदी लिमिट
धान खरीदी में उपार्जन केन्द्र के पंजीयन की लिमिट 50 प्रतिशत बढ़ाने के आदेश प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति ने जारी किए हैं। इससे जिले के ढाई हजार से अधिक किसानों को राहत मिली है और अब उनकी उपज की भी खरीदी हो सकेगी। वहीं खितौली सोसायटी में पथरहटा में भी अतिरिक्त केन्द्र खोलने की अनुमति जिला प्रशासन ने मांगी है। बहोरीबंद के भाजपा विधायक प्रणय प्रभात पांडेय ने पंजीयन की लिमिट का मामला विधानसभा में उठाया था और प्रमुख सचिव से व्यक्तिगत रूप से मिलकर समस्या का समाधान कराने का अनुरोध किया था। जिला आपूर्ति अधिकारी पीण्केण्श्रीवास्तव ने बताया कि प्रमुख सचिव ने प्रत्येक खरीदी केन्द्र की लिमिट 50 प्रतिशत बढ़ाने की अनुमति दे दी है। जिससे जिले के 2672 किसानों को राहत मिलेगी और उनकी उपज की खरीदी हो सकेगी।
दो पर कार्यवाही के बाद जांच बंद
जिला पंचायत द्वारा कराई गई जांच के ढीमरखेड़ा ब्लाक की झिर्री व बरहटा ग्राम पंचातयों के सचिवों को निलंबित किया गया था। दो सचिवों पर कार्यवाही के बाद जांच बंद हो गई और शिकायतों पर सचिवों क्लीनचिट दे गई। सूत्रों के अनुसार जिला पंचायत के आला अधिकारी तो पंचायत सचिवों सहित जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने की तैयारी में थे लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते कदम पीछे खींचना पड़े थे।
जांच में दे दी क्लीन चिट
मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल ने भी अतारांकित प्रश्न 741 में ग्राम पंचायत पिपरौंध का मामला उठाया था। जिस पर पंचायत मंत्री ने दिए जवाब में कहा कि लेखा अधिकारी से रोकड़ए बहीए बिल वाउचर्सका सत्यापन कराया गयाए जिसमें करारोपण पाया गया। विधायक ने जानना चाहा था कि पिपरौंध के पूर्व सरंपच वीरेन्द्र कुमार जैन की शिकायत  पर क्या कार्यवाही हुई। उल्लेखनीय है कि पूर्व सरपंच की शिकायत पर जिला पंचायत के अधिकारियों ने पिपरौंध सचिव को क्लीन चिट दे दी।
 

Created On :   21 Dec 2019 5:39 PM IST

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