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आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश वेबीनार आम आदमी की जिन्दगी सरल बनाना ही सुशासन : मुख्यमंत्री श्री चौहान
डिजिटल डेस्क, टीकमगढ़। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आम आदमी की जिन्दगी सरल हो, उसे किसी कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़ें, यही सुशासन है और इसे लागू करने के लिए मध्यप्रदेश में जो पूर्व में कार्य हुआ है, उसे तकनीकी सहयोग से अधिक बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भी कहा है कि कोविड-19 एक चुनौती है जिसे अवसर में बदलने की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश में इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है कि कार्यों को पेपरलैस बनाकर गवर्नेन्स का लाभ आमजन को दिया जाए। मध्यप्रदेश इस दिशा में पूर्व अनुभवों के आधार पर ज्यादा अच्छे परिणाम देने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गुड-गवर्नेन्स से ई-गवर्नेन्स और अब हम एम-गवर्नेन्स की ओर जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप तैयार करने की दृष्टि से श्रृंखलावद्ध हो रहे वेबीनार के दूसरे दिन सुशासन पर केन्द्रित विचार-विमर्श का शुभारंभ करते हुए संबोधित कर रहे थे। आम आदमी के लिए ईज ऑफ लाइफ सरकार का ध्येय मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आम आदमी के लिए ईज ऑफ लाइफ सरकार का ध्येय रहेगा। इन प्रयासों को बेहतर ढंग से करते हुए प्रदेश के नागरिकों के जीवन में संतुष्टि और जीवन के आनंद का स्तर बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जो चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने वाले अद्भुत नेता हैं, उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का संकल्प दिलवाया है। मध्यप्रदेश इसके अनुरूप आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण कर दिखायेगा। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का दस्तावेज तैयार करने के लिए ऐसे विचार जो जमीन पर उतर सकते हैं, उन्हें अमल में लाया जाएगा। इस वेबीनार में मिले सुझाव आम जनता के कल्याण की दृष्टि से उपयोगी होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में प्राकृतिक संसाधन, आदर्श भौगोलिक स्थिति, अच्छा उत्पादन, वनोपज, कला, संस्कृति, पर्यटन, हाथकरघा, सांस्कृतिक परम्पराएं विद्यमान हैं। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त होंगे। लेकिन बिना सुशासन के इन्हें लागू नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उन्होंने पुराने कार्यकाल में अपूर्ण सिंचाई योजनाओं को पूरा किया। अधूरे बांधों का निर्माण किया गया। इसके फलस्वरूप सिंचाई क्षमता सात लाख हेक्टेयर से बढ़कर चालीस लाख हेक्टेयर को पार कर गई। मध्यप्रदेश में सुशासन के लिए उठाये गये हैं ठोस कदम मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में पूर्व वर्षों में उनके कार्यकाल में लोकोन्मुखी प्रशासनिक व्यवस्था लागू की गई। इसके लिए समाधान ऑनलाइन, जनदर्शन, वन-डे गवर्नेन्स, पब्लिक सर्विस गारंटी कानून बनाकर आमजन को त्वरित समाधान उपलब्ध करवाया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इसे पुरस्कृत किया। इसके अलावा सिटीजन चार्टर में सेवाओं के समय पर न दिए जाने के दोषी लोगों को दण्डित करने का कार्य भी किया गया। इस व्यवस्था का अन्य राज्यों ने भिन्न-भिन्न नामों से अनुसरण किया। यही नहीं सीएम हेल्पलाइन और सीएम मॉनिट की प्रभावी व्यवस्था लागू की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उम्मीद व्यक्त की कि आज इस वेबीनार में भिन्न समूह इन प्रयासों की चर्चा करेंगे। कार्य की समाधान प्रक्रिया में व्यक्ति बाधा न बने , सिंगल सिटीजन डाटाबेस शीघ्र मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सुशासन के अंतर्गत पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन आवश्यक है। कई नियम बदले भी गए हैं। इसका उद्देश्य प्रामाणिकता के साथ लोक सेवाओं का प्रदाय है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नियम, कानून आमजन के लिए होते हैं। आमजन नियम, कानून के लिए नहीं है। यदि किसी कार्य या समाधान प्रक्रिया में कोई व्यक्ति बाधा बनता है, तो यह अनुचित है। सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग से इंसान बहुत से सरकारी कार्यों के बीच में नहीं आता। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में किए गए नवाचार लोगों के लिए राहत का माध्यम बने हैं। शीघ्र ही सिंगल सिटीजन डाटाबेस के अंतर्गत एक ही स्थान पर, एक ही पोर्टल के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य आसानी से हो सकेगा। इसके लिए तेजी से कार्रवाई की जा रही है। त्रैमासिक बजट व्यवस्था और लक्ष्य प्राप्ति की समय सीमा मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सुशासन के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक विभाग के लक्ष्य निर्धारित हों। हर तिमाही में बजट का सदुपयोग होता रहे। यह न हो कि राशि वर्षान्त में ही खर्च हो।
Created On :   10 Aug 2020 12:56 PM IST