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थाई मांगुर फिश बेचने वालों पर गिरेगी गाज, हो सकती है जेल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के मत्स्य बाजारों में प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली बेचने पर जेल भेजने की चेतावनी दी गई है। मत्स्य विभाग की टीम ने मत्स्य बाजारों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कुछ मत्स्य व्यापारियों को थाई मांगूर मछली बेचते हुए पाया गया। टीम द्वारा इन व्यापारियों को इस प्रतिबंधित मछली के बारे में जानकारी देकर आगे से इसे नहीं बेचने की हिदायत दी गई और यदि कोई बेचता हुआ पाया जाएगा, तो उस पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही गई। विभाग के सहायक आयुक्त अ.रा. मोवाडे के नेतृत्व में टीम गई थी।
कैंसर का कारक
मत्स्य विशेषज्ञों के अनुसार थाई मांगुर मछली सड़ा-गला मांस खाकर कीचड़ में भी जिंदा रहती है। इस मछली में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो इंसानों के लिए खतरनाक है। ये तत्व शरीर में वर्षों तक मौजूद रहते हैं और कैंसर का कारण बनते हैं, जिससे इन मछिलयों के बेचने और खाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस मछली पर सबसे पहले वर्ष 1998 में केरला में प्रतिबंध लगाया गया था। उसके बाद भारत सरकार ने वर्ष 2000 में देश भर में इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बावजूद इस मछली का व्यापार किया जा रहा है।
नागपुर में भी यह मछली धड़ल्ले से बेची जा रही है। दैनिक भास्कर ने इस संबंध में खबर प्रकाशित कर लोगों को सतर्क किया था, जिसके बाद अब मत्स्य विभाग ने इसकी सुध ली है। मंगलवार को टीम ने मेयो अस्पताल बाजार से लेकर धंतोली बाजार में औचक निरीक्षण कर इसकी जांच-पड़ताल की, जिसमें कुछ दुकानदार इसे बेचते हुए दिखाई दिये। प्रथम बार इन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया, लेकिन दूसरी बार बेचते हुए पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
जनजागृति के लिए लगाएंगे फलक
थाई मांगुर मछली पूरी तरह से प्रतिबंधित है। बावजूद इसके शहरों के बाजार में इसे बेचा जा रहा है। यदि इस मछली का सेवन किया जाता है, तो मछली में पाए जानेवाले कुछ घातक तत्व इंसानों के शरीर से वर्षों तक बाहर नहीं निकलते हैं। यह मछली कैंसर कारक है। लोगों को जागरूक करने के लिए एनएमसी के साथ मिलकर बाजारों व सार्वजनिक जगहों पर सूचना फलक लगाएंगे, जिसमें मछली के बारे में जानकारी दी जाएगी। मंगलवार को कुछ बाजारों में इसे बेचते हुए देखा गया है। अचानक कार्रवाई करना संभव नहीं था। उन्हें अगली कार्रवाई में जेल भेजने की चेतावनी दी गई है।
अ.रा. मोवाडे, सहायक आयुक्त, मत्स्य विभाग नागपुर
Created On :   29 Jan 2020 12:21 PM IST