शादी का झांसा देकर किया यौन शोषण, आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज 

Sexual abuse by pretending to be married, a case has been registered against the accused
शादी का झांसा देकर किया यौन शोषण, आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज 
शादी का झांसा देकर किया यौन शोषण, आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शादी का झांसा देकर किराएदार द्वारा तलाकशुदा का शारीरिक और आर्थिक शौषण किए जाने का मामला उजागर हुआ है। देर रात कोराड़ी थाने में आरोपी के खिलाफ विविध धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। पीड़ित 29 वर्षीय महिला तलाकशुदा है, जबकि आरोपी उसी के घर में किराए से रहने वाला  विवेक गुलाबराव बिलोरिया (32) यवतमाल जिले के वणी का निवासी है। घटित प्रकरण 16 मई 2014 से 25 अगस्त 2019 के बीच में हुआ है। किराएदार होने से पीड़िता और विवेक में औपचारिक बात होती थी। बाद में उनके मित्रता हो गई। आगे चलकर यही मित्रता प्रेम संबंध में तब्दील हो गई।

दर्ज शिकायत में बताया गया है कि एक बार विवेक ने कोल्ड ड्रिंक में बेहोशी की दवा मिलाकर पीड़िता को पिलाई। उसके बाद उससे दुष्कर्म किया। इस घिनौने कृत्य के लिए जब पीड़िता ने उसे खरी खोटी सुनाई, तो विवेक ने उससे क्षमा मांगी। शादी का वादा किया। जिसके बाद अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर विवेक पीड़िता का याैन शौषण करते रहा। इस दौरान आरोपी ने आर्थिक तंगी और नया व्यापार करने का झांसा देकर पीड़िता के 14 लाख रुपए पर भी हाथ साफ किया। यह रुपए पीड़िता को तलाक के बाद उसके पति से मिले थे। अपने जारी संबंधों के चलते पीड़िता ने विवेक से शादी के लिए तगादा लगाया, तो विवेक अपने वादे से मुकर गया और साफ शब्दों में शादी से इनकार कर दिया। तभी से विवेक गायब है। पीड़िता की शिकायत पर प्रकरण दर्ज किया गया है, जांच जारी है।

ठाकरे आत्महत्या प्रकरण में दर्ज एफआईआर रद्द
अभय ठाकरे को आत्महत्या मामले में दर्ज एफआईआर हाईकोर्ट के िनरीक्षण के बाद रद्द कर दी गई है। मृतक ठाकरे जिला परिषद प्रशासकीय कर्मचारी प्रत्यय सहकारी संस्था में लेखापाल थे। उन्होंने 5 फरवरी 2019 को संस्था के कार्यालय में एसिड प्राशन कर आत्महत्या कर ली थी। उन्हें आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करने के आरोप में संस्थाध्यक्ष संजय ठाकरे, खजीनदार अनिल बालपांडे और मैनेजर भगवान वैद्य के िखलाफ सदर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोपियों ने अपने िखलाफ एफआईआर रद्द करने की हाईकोर्ट से गुहार लगाई। नागपुर खंडपीठ के न्यायाधीश जेड. ए. हक और न्यायाधीश एम. जी. गिरकडकर दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद इस प्रकरण में भादंवि की धारा 306 अंतर्गत मामला चलाने योग्य नहीं रहने का निरीक्षण दर्ज कर एफआईआर रद्द कर दी।

Created On :   13 Nov 2019 6:51 AM GMT

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