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स्कूल में भूत का साया , चक्कर खाकर बेहोश हो रही थी छात्राएं : ग्रामीणों का आरोप
डिजिटल डेस्क मंडला। जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर वनांचल से सटे गांव बटवार के मिडिल स्कूल में छात्राएं बीमार हो रही थी, यहां अध्ययन के दौरान छात्राएं अजीब हरकत कर रही थी,जिसके बाद मिडिल स्कूल के भवन में ताला पड़ गया है। मिडिल स्कूल को प्राइमरी में शिफ्ट कर दिया गया है। इसके बावजूद छात्राएं स्कूल नही जा रही है। छात्राओं में दहशत है। ग्रामीण मिडिल स्कूल में भूत-प्रेत का साया मान रहे है।
जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शाला कतलटोला में 35 विद्यार्थी अध्ययनरत है। यहां जुलाई माह में स्कूली छात्राएं अजीब हरकत करने लगी। स्कूल पहुंचे ही घबरा के बाद चिल्लाने लगती थी, जिसके बाद बेहोश हो जाती थी, रोज यही होने लगा, जिससे पूरे गांव में दहशत हो गई। यहां खासबात यह थी कि सिर्फ छात्राओं की तबीयत बिगड़ रही थी, जिसके बाद यहां छात्राओं की संख्या कम हो गई। रोज-रोज छात्राओं के बीमार होने के बाद स्कूल के शिक्षकों ने विभाग के अधिकारियों को घटना से अवगत कराया। जिसके बाद बीआरसी और अंजनिया से चिकित्सक मौके पर पहुंचे। इस दौरान भी छात्राओं की तबियत बिगड़ गई। यहां छात्राओं और अभिभावकों की कांऊसलिंग की गई।
स्कूल में मान भूत प्रेत का साया-
रोज-रोज छात्राओं के बीमार होने के बाद ग्रामीण मिडिल स्कूल कतल टोला को भूतिया मानने लगे है। यहां ग्रामीणों और स्कूली छात्राओं की मानसिक धारणा को देखते हुये विभाग के अधिकारियों से स्कूल भवन बदल दिया है। प्राइमरी स्कूल कालोनीटोला में माध्यमिक शाला कतल टोला का संचालन किया जाने लगा है। लेकिन ग्रामीणो की दहशत बरकरार है।
छात्राओं ने स्कूल जाना किया बंद-
मिडिल स्कूल की छात्राओं ने स्कूल जाना बंद कर दिया है। करीब एक पखवाड़े से छात्राएं स्कूल नही जा रही है। अंधविश्वास के चलते उन्हे भूत-प्रेत का भय सता रहा है। मिडिल स्कूल में 20 छात्राएं है जिसमें शनिवार को एक भी छात्राएं स्कूल में नहीं मिली है। सिर्फ 5 छात्र अध्ययन के लिए आते थे। अभिभावक बच्चों को स्कूल नही भेज रहे है।
स्कूल शिफ्ट करने के बाद नही ली सुध-
यहां स्कूल शिफ्ट करने के बाद प्रशासन ने सुध नही ली है। कोई भी अधिकारी गांव नही गया है। जबकि पूरे प्रशासनिक तंत्र को इस घटना की जानकारी है। अंधविश्वास को दूर करने के लिए कोई प्रयास अब नहीं किये जा रहे है। जिससे मिडिल स्कूल में भूत होने की धारणा छात्राओं और अभिभावकों में बनी हुई है।
इनका कहना है
छात्राओं के बीमार होने के कारण विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर कक्षाएं प्राइमरी स्कूल में संचालित कराई जा रही है, अभिभावकों को समझाया जा रहा है कि छात्राओ को स्कूल भेजे। छात्राओं को भी स्कूल आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है लेकिन वो आ नहीं रहे है।
ओमप्रकाश ठाकुर, शिक्षक मिडिल स्कूल
छात्राओ के बीमार होने के बाद गांव जाकर काऊंसलिंग की गई है, जांच के दौरान सब कुछ सामान्य पाया गया है, मध्यम एनीमिया था, जिसकी दवा की गई है, अब सब कुछ सामान्य है। छात्रों के बीमार होने की शिकायत नही आई है।
अजयतोष मरावी, मेडीकल आफिसर अंजनिया
छात्राओं ने मानसिक धारणा बना ली होगी, भूत-प्रेत नही होते है, डीपीसी को जांच के लिए भेजकर समझाईश दी जाएगी।
विजय कुमार तेकाम, एसी जनजाति कार्य विभाग
Created On :   7 Sept 2019 7:58 PM IST