शरद बोबड़े ने कहा - चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो न्यायदान जारी रहना चाहिए

Sharad Bobde said - no matter how difficult the situation, justice should continue
शरद बोबड़े ने कहा - चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो न्यायदान जारी रहना चाहिए
शरद बोबड़े ने कहा - चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो न्यायदान जारी रहना चाहिए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। न्यायपालिका में एक बड़ी मशहूर कहावत है। "न्यायदान जारी रहना चाहिए, चाहे स्वर्ग क्यों न गिर पड़े" अर्थात कठिन से कठिन परिस्थिति में भी न्यायदान जारी रहना चाहिए। भारत के संविधान में भी न्याय के अधिकार को मौलिक अधिकारों में शामिल कर लिया गया है। कोरोना के कारण जब लॉकडाउन लगा, तो वह स्थिति ऐसी थी मानों स्वर्ग नीचे गिर गया हो, हर ओर उथल-पुथल हो गई। लेकिन ऐसी स्थिति में भी भारत की न्यायपालिका अपने काम में लगी रही। प्रत्यक्ष सुनवाई लेना संभव नहीं हुआ, तो ऑनलाइन सुनवाई लेकर न्यायदान की प्रक्रिया जारी रखी गई। देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति शरद बोबड़े ने शनिवार को नागपुर स्थित देश के पहले न्याय कौशल-ई रिसोर्स सेंटर के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार रखे। कार्यक्रम की प्रस्तावना न्या. नितीन जामदार ने रखी। विशेष अतिथि न्यायमूर्ति भूषण गवई, बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और नागपुर खंडपीठ के प्रशासकीय न्या. रवि देशपांडे, न्या. ए.ए. सईद ने भी अपने विचार रखे। सर्वोच्च न्यायालय के न्या. डी.वाय. चंद्रचूड़ वीडियो कॉलिंग के जरिए कार्यक्रम से जुड़े। उन्होंने वर्चुअल कोर्ट से संबंधित प्रेजेंटेशन दिया। कार्यक्रम में सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जजों, बॉम्बे हाईकोर्ट के वर्तमान व पूर्व जजों की उपस्थिति थी। न्या.सुनील शुक्रे ने आभार प्रदर्शन किया। 

देश की किसी भी अदालत में फाइलिंग

यह ई-रिसोर्स सेंटर सिविल लाइंस स्थित ज्यूडिशियल ऑफिसर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में बनाया गया है। इस सेंटर की मदद से कोई भी वकील देश की किसी भी अदालत में ऑनलाइन केस दायर कर सकता है। ऑनलाइन सुनवाई से जुड़ी सभी सुविधाएं यहां उपलब्ध कराई गई हैं । इस केंद्र के साथ ही मुख्य न्यायमूर्ति के हाथों प्रदेश के यातायात विभाग के वर्चुअल कोर्ट का भी ऑनलाइन उद्गाटन किया गया। यह कोर्ट काटोल में बनाया गया है। प्रदेश के किसी भी क्षेत्र के चालान के मामले में यह वर्चुअल कोर्ट सुनवाई कर सकेगा। यहां तक कि इसकी स्थापना के बाद कोई भी व्यक्ति यातायात चालान या जुर्माना अपने मोबाइल या कंप्यूटर से एक क्लिक में भर सकेगा। 

 

Created On :   1 Nov 2020 5:15 PM IST

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