शरद पवार ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने से किया इंकार, ममता के बुलावे पर दिल्ली में जुटे विपक्षी दलों के नेता

Sharad Pawar refuses to be the presidential candidate
शरद पवार ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने से किया इंकार, ममता के बुलावे पर दिल्ली में जुटे विपक्षी दलों के नेता
राष्ट्रपति चुनाव शरद पवार ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने से किया इंकार, ममता के बुलावे पर दिल्ली में जुटे विपक्षी दलों के नेता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आगामी राष्ट्रपति चुनाव में सत्ताधारी गठबंधन राजग के उम्मीदवार के खिलाफ विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारने की कवायद तेज हो गई है। इस मकसद से तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को यहां विपक्षी दलों के नेताओं की एक अहम बैठक बुलाई, जिसमें 16 दलों के नेताओं ने शिरकत की। हालांकि भाजपा विरोधी कुछ दलों ने बैठक से दूरी बनाकर ममता को झटका भी दिया है। ममता बनर्जी ने आज की बैठक में 22 दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था। 

जानकारी के मुताबिक आज की बैठक में शरद पवार ने राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी उम्मीदवार बनने से एक बार फिर मना कर दिया है। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों में एकता का अभाव और जीतने के लिए पर्याप्त वोट नहीं होने की वजह से मराठा क्षत्रप खुद को दांव पर लगाना नहीं चाहते। पवार के मना करने के बाद विपक्ष की ओर से महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी, फारूक अब्दुल्ला का नाम सामने आ रहा है। ममता बनर्जी ने इन दोनों नामों का प्रस्ताव रखा। 

‘विपक्ष का एक साझा उम्मीदवार होगा’

बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि आज की बैठक में पूरे विपक्ष का एक साझा उम्मीदवार देने पर आम राय बनी है। यह तय किया गया कि शरद पवार, ममता बनर्जी और मल्लिकार्जुन खरगे सभी विपक्षी दलों के नेताओं के साथ आम सहमति बनाने के लिए बात करेंगे। बात उन विपक्षी दलों से भी होगी, जो न्यौते के बावजूद आज की बैठक में शामिल नहीं हुए। एक सप्ताह बाद विपक्षी दलों के नेताओं की एक और बैठक होगी, जिसमें विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर अंतिम मुहर लगेगी। सुधींद्र कुलकर्णी ने बताया कि विपक्षी नेताओं ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव में एक आम उम्मीदवार को मैंदान में उतारने के लिए एक प्रस्ताव पर सहमति जताई। एक उम्मीदवार जो वास्तव में संविधान को संरक्षक के रूप में काम कर सकता है और मोदी सरकार को भारतीय लोकतंत्र और भारत के सामाजिक ताने-बाने को और नुकसान पहुंचाने से रोक सकता है। 

शिवसेना के सुभाष देसाई और प्रियंका चतुर्वेदी बैठक में पहुंचे

आज की बैठक में जिन दलों के नेताओं की भागीदारी रही, उनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा, शिवसेना, आरएसपी, राजद, राकांपा, सपा, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, जदएस, डीएमके, झामुमो, आरएलडी और आईयूएमएल का नाम शामिल था। शिवसेना की ओर से महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री सुभाष देसाई और सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने हिस्सा लिया तो राकांपा की ओर से शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल शामिल हुए। न्यौता मिलने के बावजूद विपक्ष के जिन दलों ने आज की बैठक में शिरकत नहीं की, उनमें आम आदमी पार्टी, टीआरएस, टीडीपी, अकाली दल, बीजद, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट का नाम प्रमुखता से शामिल हैं। 


 

Created On :   15 Jun 2022 4:50 PM GMT

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