कृषि कानूनों के सभी बिन्दुओं का विरोध नहीं- शरद पवार 

Sharad Pawar said on agriculture law - no opposition to all points
कृषि कानूनों के सभी बिन्दुओं का विरोध नहीं- शरद पवार 
कृषि कानूनों के सभी बिन्दुओं का विरोध नहीं- शरद पवार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर दोहरी भूमिका अपनाने के भाजपा के आरोपों पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने अपना रूख स्पष्ट किया है। सोमवार को पवार ने कहा कि हमारा कृषि कानूनों के सभी बिन्दुओं पर विरोध नहीं है। यशवंतराव चव्हाण सेंटर में पार्टी के एक कार्यक्रम में पवार ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारा कृषि कानूनों के सभी प्रावधानों का विरोध है। कृषि कानूनों के कुछ बिन्दु योग्य हैं। जबकि कुछ पहलुओं में चीजों की कमी है। कृषि कानून में जो कमी है उस पर चर्चा होनी चाहिए। जिससे कि कमी को दूर किया जा सके। क्योंकि इन कानूनों का दूरगामी परिणाम होगा। पवार ने कहा कि हमने यह बातें संसद में भी कही थी। हम लोगों की मांग थी कि तीनों कृषि विधेयकों को दो दिनों में पारित न कराया जाए। इन विधेयकों को संसद की सेलेक्ट कमेटी में भेजने की जरूरत है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुना नहीं। सरकार ने संसद में धड़ा-धड़ा तीनों विधेयकों को मंजूर करा लिया। 

वहीं राकांपा नेता तथा प्रदेश के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री रहते हुए पवार ने  एपीएमसी अधिनियम में संशोधन के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों को जो पत्र लिखा था उसमें पवार की भूमिका सर्वसमावेशी और व्यापक थी। उसमें मॉडल एमपीएमसी एक्ट के लिए राज्यों को छूट दी गई थी। लेकिन मोदी सरकार के कृषि कानूनों में राज्यों और कृषि मंडियों को कोई अधिकार नहीं दिया गया है। मलिक ने कहा कि पवार का पत्र 165 पन्नों का है लेकिन भाजपा की ओर से जानबूझकर केवल पत्र के दो पन्नों को वायरल किया जा रहा है।  

पवार ने कभी खुलकर कृषि विधेयकों का विरोध नहीं किया- फडणवीस 

विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पवार कृषि सुधारों के पक्षधर रहे हैं। पवार ने कभी भी कृषि विधेयकों का खुलकर विरोध नहीं किया है। उन्होंने कृषि विधेयकों को मंजूरी के बाद एक दिन का उपवास रखा था लेकिन उन्होंने विधेयकों को सदन में जल्दबाजी में मंजूर कराने और राज्यसभा में सांसदों को निलंबित किए जाने से नाराज होकर उपवास किया था। पवार ने कभी विधेयकों के मूल बिन्दुओं का विरोध नहीं किया था लेकिन मुझे आश्चर्य है कि राकांपा भारत बंद को समर्थन दे रही है। फडणवीस ने कहा कि भारत बंद को समर्थन देने वाली पार्टियों की दोगली भूमिका है। ये पार्टियां बहती गंगा मंप हाथ धो रही हैं। 

भारत बंद को सत्ताधारी तीन दलों का समर्थन 

किसान संगठनों की ओर से मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद राज्य में सत्ताधारी शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने समर्थन घोषित किया है। इसके अलावा स्वाभिमानी शेतकरी संगठन, किसान सभा सहित विभिन्न किसान संगठनों ने बंद का समर्थन किया है। 

Created On :   7 Dec 2020 9:24 PM IST

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