चांद की अमृतवर्षा से धन-धान्य, प्रेम और स्वास्थ्य की सौगात

Sharad Purnima today - The gift of wealth, love and health from the nectar rain of the moon
चांद की अमृतवर्षा से धन-धान्य, प्रेम और स्वास्थ्य की सौगात
शरद पूर्णिमा आज चांद की अमृतवर्षा से धन-धान्य, प्रेम और स्वास्थ्य की सौगात

डिजिटल डेस्क, नागपुर. संतरानगरी में तीज-त्योहार व पर्व-उत्सवों के विविध रंगी आयोजन के साथ ही जनसेवा को भी खास महत्व दिया जाता है। बरसों से शरद पूर्णिमा के अवसर पर विविध मंदिरों में खीर वितरण किया जाता है। इसमें शहर के दो प्रमुख मंदिरों द्वारा आयोजन किया जाता है। इन मंदिरों में खीर के साथ विशेष दवा का भी सेवन करवाया जाता है। बड़कस चौक स्थित भारतीय दुर्गा देवी मंदिर में भी रात्रि 12 बजे कोजागिरी प्रसाद वितरण किया जाएगा। बताया जाता है कि खीर के साथ दवा का सेवन करने पर दमा, अस्थमा जैसे पुराने रोग से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा अन्य कुछ मंदिरों में भी खीर प्रसाद का वितरण किया जाता है। अब यह परंपरा कालोनी, मोहल्ले में भी निभाई जा रही है। यहां सभी परिचित मिलकर राशि जमा करते हैं और खीर तैयार कर शरद पूर्णिमा की रात को सेवन करते हैं। 

16 कलाओं से पूर्ण होगा चांद

साल में 12 पूर्णिमा आती है, जिसमें शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर ही चांद अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है। इस पूनम की चांदनी में अमृत वर्षा होती है। इसलिए शरद पूर्णिमा की रात खीर का सेवन करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अलावा खीर का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बताया गया है। माना जाता है कि शीत ऋतु इसके साथ ही शुरू हो जाती है और इसमें गर्म पदार्थों का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इससे जीवनदायिनी ऊर्जा प्राप्त होती है। इसके अलावा चांद की अमृतवर्षा जीवन में धन, प्रेम और स्वास्थ्य तीनों का सुख लेकर आती है।  

इसलिए खीर का महत्ता

दशहरे से शरद पूर्णिमा तक चंद्रमा की चांदनी विशेष गुणकारी, श्रेष्ठ किरणों वाली और औषधियुक्त होती है। शरद पूर्णिमा के दिन हम जो खीर चांद की चांदनी में रखते हैं और फिर उसे खाते हैं, उसमें कई गुण भर जाते हैं। अध्ययन के अनुसार, दूध में लैक्टिक एसिड और अमृत तत्व होता है और चांद की किरणों से ये तत्व अधिक मात्रा में शक्ति का शोषण करते हैं। चावल में जो स्टार्च होता है, वो इस प्रक्रिया को आसान बना देता है। हालांकि मान्यताओं के अनुसार, भी खुले आसमान के नीचे खीर रखने का विधान है। 

धन और वैभव का आशीर्वाद

वैज्ञानिकों के मत के अनुसार, इस रात चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है, जिस कारण इसकी किरणों में कई लवण और विटामिन आ जाते हैं। वहीं पृथ्वी से नजदीक होने के कारण ही खाद्य पदार्थ इसकी चांदनी को अवशोषित करते हैं। लवण और विटामिन से संपूर्ण ये किरणें खीर को और ज्यादा स्वादिष्ट-सेहतमंद बना देते हैं। कहते हैं कि इस दिन बनाई हुई खीर को मां लक्ष्मी को भोग लगाएं, उनके सामने घी का दीपक जलाएं और फिर उसे खाएं। इससे मां प्रसन्न होती हैं और धन की कृपा भी करती हैं। शरद पूर्णिमा को कोजागरी और रास पूर्णिमा भी कहते हैं। शरद पूर्णिमा पर ही श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। मान्यता है कि इस दिन रात में मां लक्ष्मी भ्रमण पर निकलती है और जो शरद पूर्णिमा की रात भगवान विष्णु-मां लक्ष्मी की सच्चे मन से आराधना करता है उसे अपार धन और वैभव का आशीर्वाद मिलता है।

 

Created On :   9 Oct 2022 1:53 PM IST

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