शर्मिला ने बीआरएस बैठक के लिए खम्मम को स्थल चुनने को लेकर केसीआर पर हमला किया

Sharmila attacks KCR for choosing Khammam as venue for BRS meet
शर्मिला ने बीआरएस बैठक के लिए खम्मम को स्थल चुनने को लेकर केसीआर पर हमला किया
तेलंगाना शर्मिला ने बीआरएस बैठक के लिए खम्मम को स्थल चुनने को लेकर केसीआर पर हमला किया

डिजिटल डेस्क,  हैदराबाद। वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की प्रमुख वाई.एस. शर्मिला ने मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय स्तर की बैठक के लिए बहु-उपेक्षित खम्मम जिले को चुनने के लिए मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और उनके बीआरएस के खिलाफ तीखा हमला किया।

केसीआर को लिखे एक पत्र में उन्होंने अपने झूठे वादों, झूठ और एकजुट खम्मम जिले को प्रभावित करने वाली अन्य विफलताओं को सूचीबद्ध किया। शर्मिला ने कहा कि केसीआर के पास आयोजन स्थल के रूप में जिले को चुनने का कोई नैतिक आधार नहीं है।

उन्होंने कहा, यह बहुत स्पष्ट है कि पिछले नौ वर्षो में हर मोर्चे पर खम्मम को विफल करने के बाद, केसीआर अचानक एक और बेईमान छाप देने के लिए जाग गया कि वह जिले की परवाह करता है और उसका सम्मान करता है। लेकिन तेलंगाना के लोग इस सतत पेडलिंग से बहुत अच्छी तरह वाकिफ हैं।

शर्मिला ने कहा कि खम्मम अपनी राजनीतिक और सांस्कृतिक चेतना के लिए प्रसिद्ध था और यही कारण था कि तत्कालीन टीआरएस को पिछले चुनावों में शाही हार का सामना करना पड़ा था।

उन्होंने कहा, यह आपकी घोर अवहेलना है, जिसने खम्मम को और अधिक निराशा और प्रतिगमन में धकेल दिया है। परिणाम - अधूरी सिंचाई परियोजनाएं, आध्यात्मिक और धार्मिक निवासों के प्रति उदासीनता और बाढ़ से निपटने में अस्वाभाविक लापरवाही, संयुक्त जिले की क्षमता को मारने के लिए किए गए काम की सूची काफी लंबी है।

उन्होंने जिले के प्रति केसीआर की विफलताओं के 10 प्रमुख उदाहरणों की एक सूची प्रस्तुत की और मांग की, खम्मम के लोगों की ओर से, हम, वाईएसआर तेलंगाना पार्टी मांग करते हैं कि आप बैठक की ओर अपना मार्च शुरू करने से पहले इन चिंताओं को दूर करें।

वह जानना चाहती थीं कि केसीआर ने आंध्र प्रदेश में सात मंडलों के विलय के खिलाफ लंबी लड़ाई क्यों नहीं लड़ी। उन्होंने सवाल किया, आपकी सरकार भद्राचलम के पास पांच गांवों के मुद्दे को गंभीरता से क्यों नहीं लेती, जो प्रशासनिक सुविधा के लिए तेलंगाना में वापस विलय के लिए बेताब हैं।

वाईएसआरटीपी नेता ने जानना चाहा कि सात साल और ढेर सारी घोषणाओं और प्रचार के बाद भी सीताराम परियोजना अभी तक पूरी क्यों नहीं हुई। उन्होंने कहा, अप्रैल 2016 में केसीआर ने घोषणा की कि भद्राचलम मंदिर को 100 करोड़ रुपये के साथ विकसित किया जाएगा। सात साल और पवित्र निवास की उपेक्षा क्यों की जाती है?

स्लुइस की मरम्मत क्यों नहीं की गई और बाढ़ राहत और मुआवजे के प्रति इतनी भयानक और अमानवीय उदासीनता क्यों थी, पिछले साल जिले में घातक बाढ़ ने कहर बरपाया था? उन्होंने भद्राचलम की सुरक्षा के लिए वादा किए गए लगभग 1,000 करोड़ रुपये की भी मांग की।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   17 Jan 2023 8:00 PM GMT

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