बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं को लेकर श्वेत पत्र जारी करेगी शिंदे सरकार, विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की तैयारी 

Shinde government will issue white paper regarding big industrial projects
बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं को लेकर श्वेत पत्र जारी करेगी शिंदे सरकार, विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की तैयारी 
ऐलान बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं को लेकर श्वेत पत्र जारी करेगी शिंदे सरकार, विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की तैयारी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में प्रस्तावित उद्योगों के दूसरे राज्यों में जाने के चलते चौतरफा घिरी शिंदे सरकार ने अब पांच बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं को लेकर श्वेत पत्र जारी करने का फैसला किया है। सरकार वेदांता- फॉक्सकॉन परियोजना, टाटा-एयरबस परियोजना, सैफ्रन ग्रुप की परियोजना, बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क परियोजना समेत अन्य परियोजनाओं की वास्तवित स्थिति के बारे में अगले एक महीने में श्वेतपत्र जारी करेगी। इसके अलावा श्वेत पत्र में पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान औद्योगिक निवेश के लिए हुए करार और प्रत्यक्ष शुरू हुए उद्योगों की स्थिति का भी समावेश होगा।

मंगलवार को प्रदेश के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने यह जानकारी दी। समझा जा रही है कि शिंदे सरकार श्वेत पत्र जारी करके पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार को घेरेगी। मीडिया से बातचीत में सामंत ने कहा कि श्वेत पत्र की रिपोर्ट को शीतकालीन अधिवेशन के दौरान सदन में पेश करने के संबंध में भी विचार किया जाएगा। सामंत ने कहा कि वेदांता- फॉक्सकॉन, टाटा-एयरबस और  सैफ्रन कंपनी की परियोजना राज्य के बाहर क्यों गई? इसके अलावा बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क परियोजना राज्य में स्थापित होने वाली थी अथवा नहीं। इस बारे में वास्तविक जानकारी श्वेत पत्र में दी जाएगी। इसके साथ ही पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार ने कितने उद्योग शुरू करने और बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का सपना दिखाया था और कितनी कंपनियां प्रत्यक्ष रूप से शुरू हुई हैंॽ इसकी जानकारी भी रिपोर्ट श्वेत पत्र में दी जाएगी।

ग्रीन रिफायनरी परियोजना के लिए 3 हजार एकड़ जमीन का इंतजाम 

सामंत ने कहा कि रत्नागिरी के राजापुर तहसील के बारसू गांव में ग्रीन रिफानरी परियोजना लगाई जाएगी। ग्रीन रिफानरी परियोजना के लिए लगभग छह हजार एकड़ जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। जिसमें से किसानों ने अभी तक तीन हजार एकड़ जमीन देने के लिए सहमति पत्र सौंप दिया है। सामंत ने कहा कि पहले तीन लाख करोड़ रुपए की रिफानरी परियोजना कोंकण में लगने वाली थी। लेकिन अब शायद दो लाख करोड़ रुपए की परियोजना ही लग पाए। क्योंकि इस परियोजना का कुछ हिस्सा दूसरे राज्य में भी जा सकता है। ऐसे में एक लाख करोड़ के निवेश के नुकसान के लिए जिम्मेदार कौन है? इसकी सच्चाई भी सबके सामने आनी चाहिए। सामंत का इशारा उद्धव ठाकरे की ओर था। शिवसेना ग्रीन रिफायनरी परियोजना का विरोध करती रही है। 

आदित्य से बहस के लिए मैं ही काफी हूं-सामंत  

इस दौरान सामंत ने राज्य में औद्योगिक निवेश को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बहस की चुनौती देने वाले शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक आदित्य ठाकरे को जवाब दिया है। सामंत ने कहा कि आदित्य से बहस के लिए मैं ही काफी हूं। आदित्य जहां पर चाहेंगे मैं उनके साथ चर्चा के लिए तैयार हूं। आदित्य ने दावा किया था कि उन्हें टाटा-एयरबस परियोजना के अधिकारियों ने बताया था कि केंद्र सरकार जहां पर कहेगी हम वहीं पर परियोजना लगाएंगे। इसके जवाब में सामंत ने कहा कि टाटा-एयरबस कंपनी ने निवेश के लिए 24 दिसंबर 2021 को गुजरात सरकार को पत्र लिखा था। उस समय कंपनी ने महाराष्ट्र में निवेश के लिए पत्र क्यों नहीं लिखा? इसका आत्मचिंतन पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार को करना चाहिए। सामंत ने कहा कि मैं उद्योगों की स्थिति को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को स्पष्टीकरण देने के लिए तैयार हूं। यदि यह सभी नेता मुझसे सफाई मांगेंगे तो मैं उन्हें जानकारी दे दुंगा।

Created On :   1 Nov 2022 9:05 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story