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किसानों का साथ देने मैदान में उतरी शिवसेना, गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे संजय राऊत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर राजनीतिक नेताओं का आना-जाना जारी है। इस क्रम में मंगलवार को शिवसेना के वरिष्ठ नेता व सांसद संजय राऊत पार्टी के छह सांसदों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की। राऊत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना सुप्रीमों उद्धव ठाकरे का खास संदेश लेकर आए थे। टिकैत ने भी शिवसेना सांसदों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
संजय राऊत के साथ सांसद विनायक राऊत, अरविंद सावंत, अनिल देसाई, कृपाल तुमाने, प्रताप जाधव और राजन विचारे ने राकेश टिकैत से मिलकर उन्हें शिवसेना का पूरा समर्थन देने की बात कही। इस मौके पर संजय राऊत ने कहा कि 26 जनवरी के बाद जिस तरह से यहां तोड़फोड़ हुई और राकेश टिकैत के आंदोलन को दबाने की कोशिश की गई, ऐसे में हमने महसूस किया कि अन्नदाताओं के साथ खड़े रहना हमारी जिम्मेदारी है। टिकैत के आंसू देख महाराष्ट्र के लोग भी भावुक हो गए। उन्होने कहा कि सरकार को किसानों के साथ ढंग से बात करनी चाहिए। सरकार चलाने के लिए अहंकार को त्यागना पड़ता है।
पुलिस द्वारा किसानों को परेशान करने के सवाल पर शिवसेना सांसद ने कहा कि दिल्ली पुलिस को चीन की सीमा पर भेजना चाहिए। बता दें कि शिवसेना ने किसान आंदोलन के समर्थन में अन्य विपक्षी दलों के साथ 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था। बता दें कि शिवेसना सांसदों से पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, इनेलो के अभय चौटाला, रालोद के जयंत चौधरी सहित कई दूसरे नेता भी राकेश टिकैत का हौंसला बढ़ाने गाजीपुर बॉर्डर आ चुके हैं।
गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस की सख्त घेराबंदी
शुरूआत में भले ही किसान आंदोलन का मुख्य केन्द्र सिंघु बॉर्डर था, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत के आंसू निकलने के बाद यह तमगा अब गाजीपुर बॉर्डर को मिल गया है। ऐसे में यहां न केवल सियासी जमात की आवाजाही अचानक बढ़ गई है बल्कि दिल्ली पुलिस ने भी इस बॉर्डर की जबर्दस्त नाकेबंदी की है। इस समय गाजीपुर बॉर्डर पर हुई नाकेबंदी किसी अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर सरीखा दिख रही है। दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाली सड़क पर 6 स्तरीय बैरिकेडिंग की गई है। हालत यह है कि यहां अब पैदल आवाजाही भी बंद है। लोहे की बैरिकेडिंग के ऊपर कंटीली तारे लगाई गई हैं। इसके आगे कंक्रीट के स्लैब ढाले गए हैं। इनके बीच में सीमेंट भरकर इन्हें ज्यादा ठोस बनाया गया है। इसके साथ एक दीवार बनाई गई है तो उसके बाद फिर लोहे के बैरिकेड्स लगाए गए हैं। इतना ही नहीं, इस सड़क पर टायर किलर्स भी लगाए गए हैं ताकि गाड़ियां यहां से आगे नहीं जा सके। 26 जनवरी की घटना के बाद यह सख्ती की गई है। इस सख्ती का खामियाजा आज शिवसेना सांसद संजय राऊत को भी भुगतना पड़ा जब धरनास्थल पर पहुंचने के लिए उन्हें कई चक्कर काटने पड़े। लिहाजा नाराज राऊत ने दिल्ली पुलिस को चीन सीमा पर भेजने की सलाह दे डाली। किसानों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस द्वारा कंटीले तारें और कीलें लगाने के बाद अब धरनास्थल पर राशन, दूध, दवाईयां आदि पहुंचने में भी दिक्कत आ रही है। यहां दिल्ली पुलिस ने सख्ती बढ़ा दी है तो गाजियाबाद की तरफ से उत्तरप्रदेश पुलिस की सख्ती कुछ कम हुई है।
इसके पहले शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की थी। बादल ने कहा था कि वे राकेश टिकैत को बधाई और समर्थन देने आए हैं। अकाली दल सहित सारे किसान उनके साथ हैं। जैसे वे लड़ाई लड़ रहे हैं, मेरे पिता प्रकाश सिंह बादल और इनके पिता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने साथ में किसानों की लड़ाई लड़ी थी। किसान नेता राकेश टिकैत को श्री दरबार साहिब, श्री अमृतसर साहिब से 'सिरोपा' दिया गया था।
Created On :   2 Feb 2021 9:31 PM IST