मेजर पर FIR दर्ज करने का हक नहीं, रद्द किया जाए : केंद्र ने SC से कहा

Shopian killings: Centre files plea to quash FIR against Major Aditya
मेजर पर FIR दर्ज करने का हक नहीं, रद्द किया जाए : केंद्र ने SC से कहा
मेजर पर FIR दर्ज करने का हक नहीं, रद्द किया जाए : केंद्र ने SC से कहा

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आर्मी और पत्थरबाजों के बीच हुई फायरिंग के मामले में 10 गढ़वाल राइफल्स के मेजर आदित्य कुमार पर दर्ज FIR के खिलाफ अब केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल कर दी है। शुक्रवार को सरकार की तरफ से फाइल की गई पिटीशन में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर सरकार के पास ये अधिकार नहीं है कि वो केंद्र सरकार के बिना आर्मी के अफसर के खिलाफ FIR दर्ज कर सके। इसलिए मेजर आदित्य के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द किया जाए और इसकी जांच पर भी रोक लगाई जाए। हालांकि 5 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में इस केस में सुनवाई हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने 24 अप्रैल तक मेजर आदित्य के खिलाफ कोई भी जांच करने पर रोक लगा दी थी। बता दें कि 27 जनवरी को शोपियां में हुई फायरिंग में 2 आम नागरिकों की मौत हो गई थी।

केंद्र सरकार ने अपनी पिटीशन में क्या कहा?

- केंद्र सरकार की तरफ से फाइल पिटीशन में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर सरकार के पास ये अधिकार नहीं है कि वो केंद्र सरकार की इजाजत के बिना सेना के किसी अफसर पर FIR दर्ज कर सके।

- हमने इस केस पर अच्छे से विचार किया और पाया कि केंद्र सरकार की परमिशन के बिना राज्य सरकार इस मामले में मेजर आदित्य के खिलाफ कोई भी आपराधिक कार्रवाई नहीं कर सकती।

- केंद्र सरकार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और देश-विरोधी ताकतें कानून का उल्लंघन कर रही हैं, इससे सुरक्षा व्यवस्था पर असर पड़ता है। ऐसे लोगों के पास हथियार भी हैं और साथ ही सीमा पार के देश भी उनका समर्थन करते हैं। अब अगर पुलिस या सिक्योरिटी फोर्सेस उनका विरोध करते हैं, तो उनपर हमले किए जाते हैं।

- अपनी पिटीशन में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि मेजर आदित्य के खिलाफ जो FIR दर्ज की गई है, उसे रद्द किया जाए। साथ ही इसकी आगे की जांच पर भी रोक लगाई जाए।

24 अप्रैल तक लगी जांच पर रोक

शोपियां फायरिंग केस में मेजर आदित्य के पिता लेफ्टिनेंट करमवीर सिंह (रिटायर्ड) की पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट में 5 मार्च को सुनवाई की गई थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ कर दिया था कि मेजर आदित्य के खिलाफ अगली सुनवाई तक किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 24 अप्रैल की तारीख तय की है। इससे पहले 12 फरवरी को भी इस केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मेजर आदित्य के खिलाफ दर्ज FIR पर रोक लगा दी थी।

मेजर के पिता ने पिटीशन में क्या मांग की? 

10 गढ़वाल रायफल्स के मेजर आदित्य कुमार के पिता लेफ्टिनेंट करमवीर सिंह (रिटायर्ड) ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल कर सेना पर दर्ज FIR पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने अपनी पिटीशन में कहा कि "शोपियां में भीड़ गैर-कानूनी तौर पर जमा हुई और काफी उग्र हो गई थी। भीड़ ने एक जेसीओ को पीट-पीटकर मारने की कोशिश की, तब भीड़ को चेतावनी देकर तितर-बितक करने के लिए फायरिंग की गई थी।" उन्होंने कहा कि "पिछले साल भीड़ ने राज्य पुलिस के डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित को पीट-पीटकर मार दिया था। ऐसे हालातों में आर्मी के जवान पत्थरबाजों को कंट्रोल करते हैं। कश्मीर में मौजूदा हालात ड्यूटी के हिसाब से काफी कठिन है। इसलिए जम्मू कश्मीर पुलिस की तरफ से दर्ज की गई FIR को रद्द किया जाए।"

27 जनवरी को शोपियां को हुई थी फायरिंग

आर्मी ऑफिशियल्स के मुताबिक, 27 जनवरी को आर्मी का एक काफिला शोपियां के गनोवपोरा गांव से गुजर रहा था। इसी दौरान कुछ पत्थरबाजों ने काफिले पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए थे। जबाव में आर्मी की तरफ से उन्हें भगाने के लिए कुछ राउंड फायरिंग की गई, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने आर्मी के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए थे। हालांकि, जानकारों का कहना है कि ऐसे मामलों में केस चलाने के लिए पुलिस को केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी पड़ेगी।

घटनास्थल से 200 मीटर दूर थे मेजर : आर्मी

वहीं इस पूरे मामले पर आर्मी की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि गढ़वाल यूनिट के जिस मेजर के खिलाफ पुलिस ने हत्या और हत्या की कोशिश के आरोप में  FIR दर्ज की है, वो घटनास्थल से करीब 200 मीटर की दूरी पर थे। आर्मी के खिलाफ FIR होने के बाद शोपियां फायरिंग मामले में आर्मी ने भी पत्थरबाजों के खिलाफ काउंटर FIR दर्ज की थी।

Created On :   10 March 2018 2:21 AM GMT

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