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मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर व स्टाफ की कमी, इलाज में हो रही दिक्कत
डिजिटल डेस्क शहडोल । लगातार कोरोना मरीज बढऩे के साथ ही मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं लडखड़़ाने लगी हैं। मरीजों के हिसाब से बेड तो बढ़ाए जा रहे हैं, लेकिन मानव संसाधन की कमी के कारण के इलाज में दिक्कत हो रही है। कई मरीज फोन पर परिजनों को इस बात की शिकायत कर करे हैं। वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में 240 मरीज भर्ती हैं। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर इस बात को स्वाकार किया कि लगातार मरीज बढऩे के कारण जो गंभीर मरीज हैं, उनको समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। मरीज बढ़ रहे हैं, लेकिन उस हिसाब से हमारे पास मैन पॉवर नहीं है। इसकी व्यवस्था की जा रही है। नर्सिंग स्टाफ की कुछ भर्ती हम तत्काल में करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मरीज पॉजिटिव होने के बाद भर्ती होने की जिद करने लगते हैं। अधिकतर मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड चाहिए। अगर एक बार बेड मिल जाता है तो नहीं छोड़ते हैं। उनका कहना था कि कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद भी लोगों की घबराने की जरूरत नहीं है। अगर बुखार, खांसी है लेकिन सांस लेने में दिक्कत नहीं हो रही है तो वे होम आइसोलेशन में रह सकते हैं।
253 स्टाफ नर्स चाहिए, 15 मिली
डीन ने बताया कि चिकित्सकों के साथ-साथ सपोर्टिंग स्टाफ की भी कमी है। वर्तमान में डीन को मिलाकर 88 चिकित्सक हैं, जबकि 130 पद स्वीकृत हैं। इनमें तीन ही मेडिकल विशेषज्ञ हैं। निश्चेतना के दो चिकित्सक पदस्थ हैं, लेकिन एक मातृत्व अवकाश पर हैं। श्वांस रोग विशेषज्ञ एक ही हैं। एक्स-रे में कोई नहीं है। कम्युुनिटी मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) के 20 पद स्वीकृत हैं, 10 ही पदस्थ हैं। जूनियर रेजीडेंट 82 चाहिए मात्र तीन कार्यरत हैं। सीनियर रेजीडेंट 52 चाहिए सिर्फ 14 कार्यरत हैं। कम संसाधनों में चिकित्सक काम कर रहे हैं।
604 बेड की बना रहे व्यवस्था
डीन ने बताया कि 604 बेड की व्यवस्था बनाई जा रही है। इसमें एचडीयू/आईसीयू के 60 बेड को बढ़ाकर 100 करना है। ऑक्सीजन सपोर्ट वाले 90 बेड को बढ़ाकर 303 करना है। इसी तरह जनरल आइसोलेशन वाले 100 बेड को बढ़ाकर 200 करना है। उन्होंने कहा कि लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। ताकि वे कोविड संक्रमित न होने पाएं। बाहर बिना मास्क के न निकलें, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर न जाएं। यह मानकर नहीं चलें कि मेडिकल कॉलेज सब कुछ संभाल लेगा। इस मौके पर हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. नागेंद्र सिंह और डॉ. आकाश रंजन सिंह भी मौजूद रहे।
Created On :   17 April 2021 6:06 PM IST