बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर शुरु होगी श्रेष्ठा योजना

Shrestha Yojana will start on Babasaheb Ambedkars Mahaparinirvana Day
बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर शुरु होगी श्रेष्ठा योजना
एससी के छात्रों को लाभ बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर शुरु होगी श्रेष्ठा योजना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय बाबासाहेब डॉ आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर श्रेष्ठा नामक योजना शुरु करने जा रही है। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेन्द्र कुमार के मुताबिक एससी समुदाय के मेधावी विद्यार्थियों को इस योजना के जरिए बेहतरीन स्कूलों में उत्कृष्ट शिक्षा मुहैया कराई जाएगी। केन्द्रीय मंत्री ने गुरुवार को यहां डॉ आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में छह दिसंबर को बाबासाहेब के महापरिनिर्वाण दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देने के लिए विशेष संवाददाता सम्मेलन बुलाया था। इस दौरान इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने  बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत 6 दिसंबर को श्रेष्ठा योजना को लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत एससी के छात्रों को चिन्हित क्षेत्र के प्रतिष्ठित स्कूलों, जिसमें निजी संस्थान भी शामिल है में प्रवेश के इंतजाम किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना को देश के 112 अनुसूचित जाति बहुल जिलों में चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुरुआत में 300 करोड़ रुपये के खर्च से 24800 मेधावी विद्यार्थियों को सहायता प्रदान की जायेगी।

उन्होंने कहा कि 2020 से अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए चलाई जाने वाली मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम में बदलाव किए है। केन्द्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार इसका 40 प्रतिशत खर्चा वहन करेगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस दिन बाबासाहेब के नाम से जो भी संस्थान, पार्क, स्कूल, विद्यालय है, वहां व्याख्यान आयोजित किए जायेंगे, ताकि उनके उनके विचार, आंदोलन, दर्शन को लोगों तक पहुंचाने की योजना है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने 7 दिसंबर 2017 को डॉ आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि यह सेंटर डॉ आंबेडकर के विचारों को आगे बढाएगा, साथ ही सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों पर अनुसंधान के लिए एक अहम स्थान भी होगा। हैरानी की बात यह है कि यहां के पुस्तकालय में अब भी डॉ आंबेडकर के साहित्य का बड़ा अभाव है। उन पर यहां इतना साहित्य मौजूद है जो कि गली-कुचे की लाइब्ररी में उपलब्ध मिल जाता है। इस संबंध में पूछे सवाल पर केन्द्रीय मंत्री ने हालांकि जवाब में कहा कि साहित्य की कोई कमी नहीं है। इस दौरान उनसे यह पूछे जाने पर कि 6 दिसंबर को एक ओर बाबासाहेब कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इस दिन को काला दिवस के रुप में भी मनाया जाता है, इस पर उन्होंने बोलना टाल दिया। अनुसूचित जाति की रिक्त पदों पर भ र्ति को लेकर पूछने पर उन्होंने कहा कि यह निरंतर प्रक्रिया है और इसकी समीक्षा की जाती है। राज्यों को और मंत्रालयों को भी इस बारे में परामर्श दिया जाता है

Created On :   3 Dec 2021 1:10 PM IST

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