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कोरोना के भेंट चढ़ रहे त्यौहार : गणेशोत्सव पर पहली बार सूना रहेगा सिद्धिविनायक मंदिर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। त्यौहारों के देश भारत में कोरोना संकट के चलते एक-एक कर सारे त्यौहार इस महामारी की भेट चढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र का सबसे बड़ा त्यौहार गणेशोत्सव आगामी 22 अगस्त से शुरु हो रहा है पर इस बार इसको लेकर रौनक दिखाई नहीं दे रही है। लालबाग के राजा, जीएसबी और शिवाजी पार्क जैसे गणेश मंडलों ने पहले ही इस बार आयोजन टालने का एलान कर दिया है। गणेशोत्सव के दौरान पहली बार ऐसा होगा कि मुंबई का सुप्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर भी बंद रहेगा। सिद्धिविनायक मंदिर के ट्रस्टी आनंद राव कहते हैं कि फिलहाल तो पूरे महाराष्ट्र के मंदिर बंद हैं। मंदिरों को खोलने के बारे में महाराष्ट्र सरकार को फैसला लेना है। राव कहते हैं कि यदि सरकार मंदिर खोलने की अनुमति देती है तो ट्रस्ट की तरफ से कोरोना को लेकर सभी एहतियात बरतने की पूरी तैयारी है। वे कहते हैं कि गणेशोत्सव में देश विदेश से बड़ी संख्या में लोग सिद्धिविनायक मंदिर आते थे लेकिन अब परिस्थिति ऐसी बन गई है कि हम चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते। गणेशोत्सव के दौरान सिद्धिविनायक मंदिर में प्रति दिन एक से सवा लाख श्रद्धालु आते थे। मंगलवार को यह संख्या और बढ़ जाती थी।
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के पूर्व ट्रस्टी उदयप्रताप सिंह पिछले 20 वर्षों से अपने घर पर डेढ़ दिन के गणपति लाते हैं। सिंह कहते हैं कि गणपति बप्पा को तो इस बार फिर घर लाएंगे पर उनके दर्शन के लिए लोगों को आमंत्रित करने से परहेज करेंगे। वे बताते हैं कि इन दस दिनों में लोगों को अपने घर बुलाना और गणेश दर्शन के लिए मित्रों-रिश्तेदारों के घर जाने का सिलसिला पूरे गणेशोत्सव के दौरान चलता रहता था, पर दुख की बात है कि इस बार ऐसा नहीं हो सकेगा।
मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति के अध्यक्ष नरेश दहिबावकर ने "दैनिक भास्कर’ को बताया कि इस बार हमने बेहद सादगी से गणेशोत्सव मनाने की अपील की है। उन्होंने बताया कि पिछले साल महानगर में दो लाख घरेलू और 12 हजार सार्वजनिक गणेशोत्सव का आयोजन किया गया था। पर इस बार में इसमे कमी आएगी। हमने गणेश मंडलों से कहा है कि वे इस बार बेहद सादगी से गणेशोत्सव का आयोजन करें। इसके लिए चंदा न वसूला जाए और पिछले साल की बची निधि से ही छोटे पैमाने पर आयोजन हो।
मुंबई में खर्च होते थे 20-25 करोड़
दहीबावकर ने बताया कि हर साल गणेशोत्सव के दौरान महानगर में गणेश मंडलों के द्वारा करीब 20 से 25 करोड़ रुपए खर्च किए जाते थे। पर इस बार इसमें 50 फीसदी से ज्यादा की कमी आएगी। दहिबावकर ने कहा कि गणेशोत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण विसर्जन जुलूस होते हैं। लेकिन इस बार विसर्जन जुलूस नहीं निकाले जाएंगे। महानगरपालिका द्वारा बनाए जाने वाले कृत्रिम तालाब में केवल चार-पांच लोग विसर्जन कर सकेंगे। इस बार मुर्तियों की अधिकतम ऊंचाई चार फिट रखने का फैसला लिया गया है। इस लिए गणेश पंडालों में वह आकर्षण नहीं रहेगा जिसे देखने भीड़ जुटती थी। उन्होंने बताया कि गणेश मंडलों से कहा गया है कि वे फेसबुक पर अपने गणेश मंडल के पूजा-पाठ को लाईव करें जिससे लोगों को पंडाल तक न आना पड़े। साथ ही पंडालों को प्लाज्मा डोनेशन, हेल्थ चेकअप कैम्प लगाने को कहा गया है।
रद्द हो गए डांडिया के सभी बड़े आयोजन
गणेशोत्सव के बाद 17 अक्टूबर से नवरात्री शुरु हो जाएगी। मुंबई में नवरात्री के दौरान डांडिया की धूम रहती है। पर कोरोना के चलते ये आयोजन भी रद्द हो रहे हैं। घोटकोपर में पिछले 15 सालों से डांडिया का आयोजन कर रहे पूर्व नगरसेवक प्रविण छेड़ा ने इस बार दांडिया का आयोजन रद्द कर दिया। भाजपा विधायक राम कदम के डांडिया में हर साल बॉलीवुड सितारों का मेला लगता था। कदम ने "दैनिक भास्कर’ को बताया कि कोरोना संकट के चलते इस साल हमने आयोजन रद्द कर दिया है। मुंबई के उपनगर मुलुंड में भाजपा सांसद मनोज कोटक की तरफ से आयोजित होने वाला नवरात्र उत्सव भी इस साल नहीं होगा। कोटक पिछले 12 सालों से यह आयोजन कर रहे थे। वे कहते हैं कि फिलहाल लोगों की सेहत का ध्यान रखना जरुरी है।
Created On :   17 Aug 2020 5:34 PM IST