दर्जन भर बांंध एक चौथाई भी नहीं भर पाए, कमजोर बारिश का दिख रहा असर, सिंचाई हो सकती है प्रभावित

Sidhi district is facing the problems of short rainfall, empty dams
दर्जन भर बांंध एक चौथाई भी नहीं भर पाए, कमजोर बारिश का दिख रहा असर, सिंचाई हो सकती है प्रभावित
दर्जन भर बांंध एक चौथाई भी नहीं भर पाए, कमजोर बारिश का दिख रहा असर, सिंचाई हो सकती है प्रभावित

डिजिटल डेस्क, सीधी। जिले में अल्पवर्षा के चलते सिंचाई बांधों में जलभराव की स्थिति काफी कमजोर देखी जा रही है। दर्जन भर बाधों में तो अभी तक चौथाई हिस्सा भी जलभराव नहीं हो पाया है। केवल दस बाधों में 25 से 50 प्रतिशत तक जलभराव की स्थिति देखी जा रही है। बांधों के न भर पाने से रबी सीजन में सिंचाई कार्य पर असर पड़ सकता है।

उल्लेखनीय है कि बारिश का मौसम अब अंतिम पड़ाव की ओर पहुंच रहा है। जिले की कुल औसत वर्षा में से अभी केवल 728 मिमी. वर्षा हुई है। यानि जितनी बारिश होनी चाहिए वह अभी कमतर मानी जा रही है। कमजोर बारिश के चलते सिंचाई बाधों में जलभराव की स्थिति निराशाजनक बनी हुई है। जिले में सिंचाई की दृष्टि से 23 लघु एवं मध्यम बाधों का निर्माण कराया गया है। जिससे जिले की 21 हजार एकड़ भूमि की सिंचाई की जाती है। इन्हीं सिंचाई बाधों में शामिल सीधी बांध से सिंचाई तथा पेयजल सप्लाई भी किया जाता है। बारिश कम होने के कारण 13 बाधों में जलभराव चौथाई हिस्सा भी नहीं हो पाया है।

बताया जाता है कि बमरहा बांध में अभी तक 13.84 प्रतिशत, तुर्रा में 11.30, सपही में 14.38, कोड़ार में 15.66, सेहरा में 17.64, कठास में 22.17, शेर बांध में 19.58, बेलहा में 19.71, विषैंधा में 23.08, कोल्हूडीह में 22, चुवाही में 24.61, सारो में 24.34 तथा बरचर बांध में 24.98 प्रतिशत पानी भर पाया है। इसके अलावा दूसरे बाधों में जलभराव की स्थिति 50 प्रतिशत से आगे नही जा पाई है। 25 से 50 प्रतिशत तक जलभराव वाले बाधों में बकिया बांध 26.78, नेबूहा 32.92, सीधी 38.62, मराठा, 35.81, करमाई 37.07, गजरी 38.49, जमधर 40.16, गोपालदास 43.63, मोहड़ी 40.91, देवरी 49.29 प्रतिशत शामिल हैं। गुलाब सागर महान बांध में भी 50 प्रतिशत तक जलभराव की स्थिति देखी जा रही है।

सीधी बांध से सिंचाई और पेयजल आपूर्ति दोनों जिले की सीधी बांध से कृषि सिंचाई के साथ शहर को पेयजल आपूर्ति भी की जाती है। इसके अलावा मत्स्य पालन का कार्य भी बांध से होता है। तीन तरह की सुविधा प्रदान करने वाले इस बांध में अल्पवर्षा के चलते जलभराव का स्तर अपेक्षा से काफी कम आंका गया है। सीधी बांध में अभी तक 38.62 प्रतिशत  ही जलभराव हो पाया है। जबकि वर्षा ऋतु के दो माह बीत गये हैं शेष एक माह की बारिश से जलभराव  कितना हो पाएगा सोचा जा सकता है। जाहिर है बांध में पानी कम होगा तो सिंचाई कार्य प्रभावित ही होगा साथ ही पेयजल आपूर्ति पर भी संकट मंडरा सकता है।

 

Created On :   31 Aug 2018 1:23 PM IST

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