एसटी बस स्टैंड पर सन्नाटा, 377 बसें हुईं रद्द- एक दिन में 50 लाख से ज्यादा के राजस्व का नुकसान

Silence at ST bus stand, 377 buses canceled – loss of revenue of more than 50 lakhs in a day
एसटी बस स्टैंड पर सन्नाटा, 377 बसें हुईं रद्द- एक दिन में 50 लाख से ज्यादा के राजस्व का नुकसान
हड़ताल एसटी बस स्टैंड पर सन्नाटा, 377 बसें हुईं रद्द- एक दिन में 50 लाख से ज्यादा के राजस्व का नुकसान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकारी सेवा में शामिल करने की मांग को लेकर राज्य मार्ग परिवहन महामंडल के कर्मचारियों ने सोमवार को भी आंदोलन जारी रखा। इससे नागपुर के डिपो से एक भी बस नहीं चली। इससे बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा रहा। 377 बसें नहीं चलीं। कुल 1550 फेरियां रद्द कर दी गईं, जिसके कारण 48 लाख 19 हजार से ज्यादा रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। कर्मचारियों ने सरकारी व्यवस्था में शामिल नहीं करने पर अनिश्चितकालीन आंदोलन करने की चेतावनी दी है। बसों के बंद होने से यात्रियों को निजी वाहनों की ओर रुख करना पड़ रहा है, जहां मनमाना किराया वसूला जा रहा है।

1.40 लाख किमी चलती हैं बसें

विभाग में कुल 8 डिपो हैं, जिसमें 4 डिपो शहर में और 4 ग्रामीण क्षेत्र में हैं। प्रतिदिन इन डिपो से करीब 1 लाख 40 हजार किमी बसें चलाई जाती हैं। इससे एसटी महामंडल को एक दिन में 50 लाख के करीब राजस्व प्राप्त होता है। दिवाली में यात्रियों की संख्या बढ़ने से महामंडल की आय भी बढ़ जाती है, लेकिन एन मौके पर हड़ताल से सरकार को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ा है। गत दो  दिन पहले तक नागपुर विभाग हड़ताल से अछूता था, लेकिन संगठनों के माध्यम से दो दिनों से नागपुर में भी कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू किया है। 

कर्मचारियों का समर्थन

राज्य मार्ग परीवहन महामंडल के कर्मचारियों को सरकारी सेवा कर्मचारियों का दर्जा देने की मांग को लेकर सीआईटीयू ने समर्थन किया है। आत्महत्या करने वाले कर्मचारियों के परिवार को सरकार की ओर से 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद करने की मांग की है। सोमवार को सीटू की ओर से कॉ. राजेन्द्र साठे ने आंदोलन कर रहे कर्मचारियों के पंडाल में भेट देकर समर्थन दिखाया।

इस तरह हुईं बसें प्रभावित

शहर के घाट रोड से कुल 62 बसें रद्द हुई है, जिससे 7 लाख 70 हजार से ज्यादा रुपए का राजस्व नहीं मिल सका है। इसी तरह गणेशपेठ से 73 बसें रद्द हुई हैं, जिससे 11 लाख से ज्यादा का राजस्व डूब गया है। इमामवाड़ा से 51 व वर्धमान नगर से 35 बसें रद्द होने से 10 लाख से ज्यादा रुपए नहीं मिलें। उमरेड डिपो से 38 बसें नहीं चल पाई हैं। इससे 4 लाख 64 हजार रुपए का नुकसान हुआ है। काटोल से 49 बसें नहीं चली हैं, जिससे 5 लाख 18 हजार का नुकसान हुआ है। रामटेक से 36 बसें प्रभावित रही हैं। इससे 4 लाख से ज्यादा का घाटा हुआ है। कुल 8 डिपो से 377 बसें रद्द हुई हैं। इससे 1550 फेरियां प्रभावित होकर 1 लाख 37 हजार से ज्यादा किमी बसें नहीं चल पाने से करीब 50 लाख का राजस्व डूब गया है।

 

Created On :   9 Nov 2021 1:43 PM IST

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