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देश की पहली ईको ब्रिक गणपति से पर्यावरण जागरूकता की कोशिश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक बार इस्तेमाल कर फेंक दिए जाने वाला प्लास्टिक पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है। सिंगल यूज प्लास्टिक के इसी खतरे के प्रति लोगों को सावधान करने के लिए 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली दो छात्राओं ने देश की पहली ईको ब्रिक गणपति बनाई है। विद्या और निकिता नाम की दोनों छात्राओं द्वारा बनाई गई भगवान गणेश की प्रतिमा मुंबई के धारावी इलाके में स्थित कामराज स्कूल में रखी गई है। मूर्ति बनाने के लिए प्लास्टिक की 200 बोतलों और 50 किलो सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है। पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था स्वैन फाउंडेशन से जुड़ी निकिता और विद्या ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक उन्होंने इलाके के ही 50 घरों में जाकर उनसे मांगकर इकठ्ठा किया है। इस काम में 10 दिन लगे। निकिता ने कहा कि इस मूर्ति के जरिए हम लोगों से अपील करना चाहते हैं कि पर्यावरण की रक्षा कीजिए और प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम कीजिए। स्वान फाउंडेशन के संस्थापक प्रदीप फ्रांसिस ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण को बेहद नुकसान हो रहा है। यह प्लास्टिक जमीन, पानी, हवा हर जगह प्रदूषण की वजह बन रहा है। ऐसे में छात्राओं ने लोगों को इस खतरे के प्रति जागरूक करने के लिए जो पहल की है वह बेहद सराहनीय है। फिलहाल कोरोना संक्रमण के चलते लगाई गई पाबंदियों के चलते बाहर से ज्यादा लोग तो इस मूर्ति को देखने नहीं आ सकते लेकिन आसपास के लोगों और छात्रों को भी अगर जागरूक करने में सफल रहे तो कोशिश कामयाब मानेंगे।
करेंगे प्रतीकात्मक विसर्जन
प्रदीप फ्रांसिस ने बताया कि प्लास्टिक से बनी गणेशमूर्ति का प्राकृतिक तालाब में प्रतीकात्मक विसर्जन किया जाएगा। पानी मेंं डुबाने के बाद मूर्ति फिर निकालकर किसी सार्वजनिक जगह पर रख दी जाएगी जिससे आगे भी इसे देखकर लोग प्रेरणा ले सकें और नुकसानदेह प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें।
Created On :   13 Sept 2021 7:38 PM IST