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एसआईटी करेगी बीड गर्भपात मामले की जांच, स्वास्थ्य मंत्री का ऐलान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बीड जिले के बक्करवाडी में अवैध गर्भपात के दौरान 29 वर्षीय महिला की मौत के मामले में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मृत महिला का विसरा जांच के लिए औरंगाबाद भेजा गया है। इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) नियुक्त की जायेगी। गुरुवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तनाजी सावंत ने विधानसभा में यह जानकारी दी। प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक डा भारती लवेकर, लक्ष्मण पवार, नमिता मुंदडा आदि सदस्यों ने यह मामला उठाया था। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा की यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा। इस दौरान भाजपा विधायक लवेकर ने कहा की महिला तीन बेटियों की मां थी। उसके बाद अवैध गर्भपात के दौरान उसकी मौत हो गई। इससे पता चलता है की बेटे की चाह में गर्भ परीक्षण के बाद यह गर्भपात कराया जा रहा था। बीड में इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं।
बीते 5 जून को बीड में सीता बाई उर्फ शीतल गणेश गाडे नाम की 30 साल की महिला की अवैध गर्भपात के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव के कारण मौत हो गई थी। सरकारी अस्पताल में डाक्टर द्वारा गर्भपात से इंकार के बाद एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की मदद से पशुवास में चोरी छिपे गर्भपात कराया जा रहा था।
नागपुर में ब्लड बैंक के रक्त से नहीं हुए एचआईबी संक्रमित
नागपुर स्थित सरकारी ल निजी ब्लड बैंकों में जनवरी 2022 से मई 2022 के दौरान संकलित रक्त की जांच में पाया गया कि 233 रक्त बैग में हेपेटाईटस-बी व 61 बैग में हेपेटाईटस-सी के विषाणू पाए गए। दुषित रक्त को नष्ट कर दिया गया। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ताजा जी सावंत ने विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। भाजपा विधायक विनोद अग्रवाल ने यह तारांकित प्रश्न के माध्यम से इससे संबंधित सवाल पूछा था। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के लिए डागा अस्पताल की डीन, एफडीए के प्रतिनिधि व केंद्रीय औषध नियंत्रण विभाग के प्रतिनिधि के अलावा रक्त संक्रमण क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल कर एक जांच समिति बनाई गई थी। समिति ने जांच के बाद पाया कुल 5 थैलेसिमिया मरीज एचआईवी संक्रित हुए है। जिन निजी ब्लड बैंकों से इन्हें रक्त आपूर्ति की गई थी, वहां जाकर समिती ने कागजातों की जांच की और पाया कि एचआईबी संक्रमित पाए गए किसी मरीज को संक्रमित रक्त नहीं दिया गया था। इस लिए वे खून की वजह से संक्रमित नहीं हुए हैं।
विधायक ने बताई गड्डों वाली सड़कों से कैसे पड़ी थी खतरे में जान
राज्य शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक खराब सड़कों से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। गुरुवार को विधानसभा मे सत्ताधारी भाजपा की विधायक मनीषा चौधरी ने सदन को बताया कि किस तरह गड्डे वाली सड़क की वजह से उनकी जान जाते-जाते बची। मुंबई-गोवा हाईवे का निर्माण कार्य 12 वर्षों से पूरा न होने को लेकर ध्याकर्षण प्रस्ताव के तहत चल रही चर्चा के दौरान विधायक चौधरी ने कहा कि उस दिन मैं मुंबई-अहमदाबाद हाईवे से होकर पालघर से बोरिवली जा रही थी। रास्ते में सड़कों पर बड़े बड़े गड्ढों के कारण मेरी कार का टायर फट गया और मेरी जान जाते-जाते बची। उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर टोल वसूली करने वाली एजेंसी आईआरबी की जिम्मेदारी है कि वह सड़क की मरम्मत करे पर वह कंपनी ऐसा नहीं कर रही है। इस लिए उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
Created On :   18 Aug 2022 10:01 PM IST