नौरादेही के जंगलों में गूंजेगी अफ्रीकी चीतों की दहाड़, पहली खेप में आएंगे 6 चीते

Six cheetahs will be brought from Africa forest to Nauradehi
नौरादेही के जंगलों में गूंजेगी अफ्रीकी चीतों की दहाड़, पहली खेप में आएंगे 6 चीते
नौरादेही के जंगलों में गूंजेगी अफ्रीकी चीतों की दहाड़, पहली खेप में आएंगे 6 चीते

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जबलपुर जिले से सटे नौरादेही के जंगलों में अब अफ्रीकी देशों केन्या और नैरोबी के चीतों की दहाड़ सुनाई देगी। पुनर्वास योजना के तहत नौरादेही जंगल क्षेत्र के वातावरण को अफ्रीका से आने वाले चीतों के लिए अनुकूल माना जा रहा है। भारत और अफ्रीका के बीच पुनर्वास को लेकर सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। जानकारों के अनुसार प्रक्रिया के तहत सब कुछ ठीक रहा तो प्रदेश के लिए यह बड़ी सौगात होगी और प्रदेश के अन्य राष्ट्रीय उद्यानोंं की तरह नौरादेही भी पर्यटन के बड़े केंद्र के रूप में अपनी पहचान फिर स्थापित कर सकेगा। जानकारों के अनुसार पहले चरण में 6 चीतों को अफ्रीका के जंगल से नौरादेही लाकर छोड़ा जाएगा। 

58 सालों से देश में चीते की दहाड़ सुनने नहीं मिली 
सूत्रों के अनुसार सन 1962 के पूर्व देश से चीता प्रजाति विलुप्त हो गयी थी और विगत 58 सालों से देश में चीता की दहाड़ सुनने को नहीं मिली थी। इतने लंबे समय बाद अब वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट और भारत सरकार द्वारा इस दिशा में सार्थक प्रयास शुरू किए गए। पुनर्वास योजना के चलते दोनों देशों के बीच जो संधि हुई है उसके बाद चीतों की दहाड़ अब नौरादेही के जंगल में सुनाई देगी।

जानकारों के अनुसार पुनर्वास की प्रक्रिया के तहत भारत व अफ्रीका दोनों देशों के सभी विभागों से अनुमति मिलने के बाद प्रदेश के वन विभाग के आला अधिकारियों द्वारा पुनर्वास व चीतों को लाने के लिए पूरी योजना तैयार कर ली गयी है। जानकारोंं के अनुसार वर्तमान में चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण प्रक्रिया धीमी पड़ गयी थी और आचार संहिता समाप्त होने के बाद इस दिशा में फिर तेजी आएगी। 

पहाड़ीनुमा जंगल, अनुकूल माहौल
सूत्रों के अनुसार अफ्रीका के चीतों के आवास के लिए जिस तरह का वातावरण होना चाहिए उसके मुताबिक नौरादेही के जंगल परिपूर्ण हैं। यह जंगल पहाड़ीनुमा है और यहां जो पेड़-पौधे हैं वे सघन नहीं हैं, साथ ही जो मैदानी क्षेत्र है वहां पर्याप्त मात्रा में घास है। यहां का मौसम गर्म रहता है और पानी व शिकार भी पर्याप्त है। नौरादेही को देश का एक मात्र ऐसा जंगल माना जा रहा है जो कि अफ्रीकी चीतों के लिए पूरी तरह अनुकूल है। 

वायुमार्ग से लाया जाएगा डुमना 
जानकारों के अनुसार अफ्रीका से चीतों को यहां लाने के लिए वन विभाग द्वारा रूट चार्ट तैयार कर लिया गया है। इसके मुताबिक चीतों को वायुमार्ग से डुमना लाया जाएगा और यहां से सड़क मार्ग से नौरादेही के जंगल में पहुंचाया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम भी तैयार की गयी है, जो कि अफ्रीका जाकर पुनर्वास योजना की निगरानी करेगी।

इनका कहना है
अफ्रीका के जंगलों से चीतों को भारत लाकर नौरादेही के जंगल में पुनर्वास किए जाने की प्रक्रिया को सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। अब चीतों को लाने के प्रयास जारी हैं। प्रक्रिया के पूरा होने में समय लगेगा। 
- विकास कर्ण वर्मा, सीसीएफ सागर

Created On :   9 May 2019 2:24 PM IST

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