पेवर ब्लॉक लगाने के नाम पर साठ लाख की खेली हाली - राहगीर के लिए बने समस्या

Sixty lakhs played in the name of setting up paver blocks - problems made for passers-by
पेवर ब्लॉक लगाने के नाम पर साठ लाख की खेली हाली - राहगीर के लिए बने समस्या
पेवर ब्लॉक लगाने के नाम पर साठ लाख की खेली हाली - राहगीर के लिए बने समस्या

डिजिटल डेस्क कटनी । शहर में एक वर्ष पहले पेवर ब्लॉक लगाने के नाम से साठ लाख रुपए का खेल पहले वर्षगांठ में ही दबने लगा। वार्डवासी गुणवत्ता की रट लगाए रहे, लेकिन उन्हें यह कहकर चुप करा दिया गया कि उन्हें तकनीकी जानकारी नहीं है। यह पेवर ब्लॉक लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर लगाया जा रहा है। लेकिन यही पेवर ब्लाक अब लोगों के लिए सिरदर्द बनें हुए हैं। नगर में जितने भी जगहों पर पेवर ब्लाक लगाए गए हैं, वहां के ये पेवर ब्लॉक अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही की कहानी कह रहे हैं। इसके बावजूद अफसर और जनप्रतिनिधि ठेकेदारों से सुधार कार्य कराने की बजाए यह कहकर टाल-मटोल रवैया अपना रहे हैं कि उन्हें इस तरह की जानकारी नहीं  है। दैनिक भास्कर ने जब तीन से चार जगहों पर लगाए गए पेवर ब्लॉक की स्थिति देखी तो हर जगह पर बद्तर ही तस्वीर सामने आई। आसपास के लोगों ने भी कहा कि इससे बेहतर नगर निगम यहां पर पेवर ब्लॉक ही न लगाती।
खेरमाई परिसर- खर्च 2.20  लाख लापरवाही का रिकार्ड यहां पर तो लापरवाही की वह तस्वीर सामने आई। जिसे देखने के बाद यही कहा जा सकता है कि नगर निगम के अफसरों की बस में लापरवाही रोकना नहीं है। इस जगह पर जब सीवर लाइन का कार्य होना था तो फिर पेवर ब्लाक क्यों बिछाया गया। यह सभी लोगों की समझ से परे हैं। जबकि इस संबंध में निगम के अधिकारियों के ही यह निर्देश रहे कि जिस जगह पर सीवर लाइन का काम होना है। वहां पर किसी तरह से निर्माण कार्य न किए जांए। इसके बावजूद यहां पर पेवर ब्लाक बिछा दिया गया। कुछ दिन बाद एक हिस्से का पेवर ब्लाक पानी से ही दब गया। सामने की तरफ जो कसर रही। उसे सीवर लाइन बिछाने वाली कंपनी ने पूरी कर दी। यहां पर से पेवर ब्लाक को निकालते हुए चैम्बर बना दिया गया।लेकिन बाद में पेवर ब्लाक नहीं लगाया गया।
एमपीईबी परिसर खर्च 11.74 लाख
कुठला थाना क्षेत्र के एमपीईबी परिसर तक जाने के लिए मार्ग में पेवर ब्लॉक लगाने का काम किया। इसके बावजूद मार्ग की तस्वीर नहीं बदल सकी। जिसजगह पर पेवर ब्लाक लगाया गया है। उस मार्ग में चलना किसी युद्ध से कम करना नहीं है। सामने मुख्य मार्ग की से एमपीईबी परिसर तक तो पेवर ब्लाकलगा दिया गया है। लेकिन इसके आगे एक बड़ा गड्ढा है। जिसे पार करते हुए एमपीईबी परिसर तक जाने का काम लोग करते हैं। यहां पर भी पेवर-ब्लाक के हाल-बेहाल हैं।
स्कूल परिसर-खर्च 19.50 लाख समस्या जस की तस
वार्ड नम्बर 45 अंतर्गत स्कूल परिसर, सड़क किनारे और एक अन्य जगह पर 19 लाख रुपए खर्च करके नगर निगम ने पेवर ब्लाक लगाने का काम किया। स्कूल परिसर में जो पेवर ब्लाक लगाया गया है। उससे स्कूल और आंगनबाड़ी की तस्वीर नहीं बदली है। पहले भी आंगनबाड़ी के किनारे गंदा पानी एकत्र होता रहा। आज भी गंदा पानी उसी जगह पर एकत्र होता है। एक तरफ पेवर ब्लॉक लगा हुआ है, तो दूसरी तरफ पेवर ब्लाक के दब जाने से आंगनबाड़ी के सामने गंदगी बनीं रहती है। इतना ही नहीं पूरे परिसर में ही इसकी स्थिति दयनीय है।
इनका  कहना है
इस संबंध में जानकारी तैयार की जा रही है। जहां पर हाल ही में पेवर ब्लॉक लगे हुए हैं। वहां पर संबंधित लोगों की जिम्मेदारी होगी कि वे मरम्मत का कार्य करें। जहां पर पहले से लगा हुआ है। वहां पर विभाग मरम्मत करेगा।
- शैलेन्द्र शुक्ला, अधीक्षण यंत्री

Created On :   22 Nov 2019 5:53 PM IST

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