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कर्मचारी ने बेटी की शादी के कार्ड पर लिखाया- हमारी भूल कमल का फूल
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सोशल मीडिया पर आजकल एक शादी का कार्ड काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। बता दें कि इस कार्ड के वायरल होने का कारण इसकी कीमत या डिजाइन नहीं बल्कि इस पर छपा एक स्लोगन है। वायरल कार्ड पर छपी जानकारी के अनुसार यह कार्ड मध्यप्रदेश के सागर जिले में छपाया गया है। इस कार्ड पर सरकार का विरोध करते हुए एक स्लोगन लिखा है-"हमारी भूल कमल का फूल"।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस कार्ड में ऐसा स्लोगन क्यों लिखाया गया है या किसने यह कार्ड छपवाया है। जानकारी के अनुसार यह कार्ड सरकारी निर्णय से नाराज एक संविदा कर्मचारी ने छपवाया है। गौरतलब है कि सागर जिले के अनुराग जैन पिछले सात साल से मध्यप्रदेश शासन में संविदा पद पर मलेरिया कार्यकर्ता के रूप में सेवाएं दे रहे थे।लेकिन 6 महीने पहले जून -2017 में राज्य शासन ने एक आदेश जारी किया था जिसमें 773 लोगों की संविदा खत्म की गई थी इनमें अनुराग भी शामिल थे। अनुराग इसी कारण सरकार से नाराज हैं और उन्होंने विरोध का अनोखा तारीका अपनाया अनाते हुए अपनी बेटी की शादी के कार्ड में स्लोगन लिखा है कि "हमारी भूल कमल का फूल"।
वहीं इस मामले में अनुराग जैन ने बताया कि वे जून-2017 से लगातार स्वास्थ्य मंत्री, वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री तक से गुहार लगा चुके है लेकिन अब तक उन्हें कही भी न्याय नहीं मिला। जिसके बाद राज्य सरकार से परेशान होकर उन्होंने बेटी की शादी के कार्ड में यह स्लोगन लिखवाया है। उनका कहना है कि नौकरी चले जाने के बाद अब बेटी विवाह के लिए उनके पास मात्र पांच हजार रुपए है, उन्होंने जैसे-तैसे करके बेटी की शादी के लिए रकम जुटाई है।
बच्चों की यूनिफार्म, गाडिय़ों की नंबर प्लेट में लिखेंगे स्लोगन
अनुराग जैन का कहना है कि वे अपने यहां समस्त कार्यक्रम जैसे बच्चों का मुंडन, शोक संदेश में इसस्लोगन को लिखेंगे और तब तक लिखते रहेंगे जब तक कि उन्हें सरकार से न्याय नहीं मिल जाता। इसके अलावा अपने वाहनों की नंबर प्लेट, बच्चों की यूनिफार्म और घर के बाहर बैनर लगाकर सरकार विरोधी स्लोगन लिखेंगे।
नियमित करने के थे केंद्र सरकार ने निर्देश
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) के तहत जून 2010 में भर्ती किए प्रदेशभर में कुल 773 मलेरिया संविदा कर्मचारियों को हटाने के ठीक एक माह पूर्व मई-2017 में केंद्र सरकार ने इन्हें नियमित करने राज्य सरकार को निर्देश जारी किए थे। लेकिन राज्य सरकार एक आदेश जारी कर सीधे नौकरी से बाहर कर दिया।
Created On :   13 Jan 2018 7:34 PM IST