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राज्यापाल के विरोध में सत्तापक्ष के सदस्यों की नारेबाजी, कोश्यारी ने अभिभाषण अधूरा छोड़ा, मलिक के इस्तीफे की मांग
डिजिटल डेस्क, मुंबई। गुरुवार से शुरु महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट अधिवेशन की हंगामेदार शुरुआत हुई। बजट सत्र के पहले दिन सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी के विधायकों के हंगामे से नाराज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपना अभिभाषण पूरा पढ़े बिना चले गए। हंगामे से नाराज राज्यपाल ने महज डेढ़ मिनट में अभिभाषण खत्म कर दिया। राज्यपाल के अचानक अभिभाषण खत्म करके चले जाने से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आश्चर्यचकित रह गए। बाद में विधानमंडल में राज्य मंत्रिमंडल की हुई बैठक में राज्यपाल के अभिभाषण अधूरा छोड़कर जाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार कैबिनेट बैठक में तय हुआ कि राज्यपाल की शिकायक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से की जाएगी।
बीते दिनों राज्यपाल ने औरंगाबाद में समर्थ रामदास को छत्रपति शिवाजी महाराज का गुरु बताया था। उन्होंने कहा था कि ’रामदास के बिना शिवाजी महाराज को कौन पूछेगा।‘ इसी बयान को लेकर राज्यपाल को महाविकास आघाड़ी के सदस्यों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। सुबह 11 बजे राज्यपाल कोश्यारी जैसे ही विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्यों की संयुक्त बैठक को सेंट्रल हॉल में संबोधित करने पहुंचे सत्तारूढ़ दल शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के विधायक छत्रपति शिवाजी महाराज का जयघोष करने लगे। सत्ताधारी सदस्यों ने राज्यपाल को पोस्टर भी दिखाया।
अपने अभिभाषण में सरकार के कामकाज का लेखाजेखो पेश करने पहुंचे राज्यपाल का सत्ता पक्ष द्वारा विरोध होता देख विपक्ष के विधायक भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार प्रदेश के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सत्ताधारी और विपक्ष के सदस्यों के हंगामे को देखते हुए राज्यपाल अभिभाषण की अंतिम पंक्तियां पढ़ चले गए। इसके पहले राज्यपाल के अभिभाषण के लिए सेंट्रल हॉल पहुंचते ही सत्तारूढ़ विधायकों ने ‘छत्रपति शिवाजी महाराज की जय’ के नारे लगाने शुरु कर दिए। इस पर राज्यपाल ने कहा कि पहले राष्ट्रगान होने दीजिए। इस पर मुख्यमंत्री ने सत्ताधारी सदस्यों को इशारों से शांत रहने का आग्रह किया। पर राष्ट्रगान पूरा होते ही फिर से नारेबाजी शुरु हो गई।
राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी
राज्यपाल द्वारा अभिभाषण पूरा न कर पाने को लेकर महाविकास आघाड़ी और विपक्ष ने एक-दूसरे के खिलाफ गंभीर आरोप लगाया। विधान भवन परिसर में सत्ताधारी मंत्रियों और विधायकों ने राज्यपाल हटाओ, राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाए। प्रदेश में कई सालों के बाद ऐसी स्थिति बनी कि राज्यपाल अपना अभिभाषण पूरा नहीं कर सके। इसके पहले साल 2014 में कांग्रेस-राकांपा आघाड़ी सरकार के समय विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों ने तत्कालीन राज्यपाल के. शंकरनारायणन के अभिभाषण के समय भारी हंगामा किया था।
राज्यपाल को उचित निर्देश दें राष्ट्रपति- ठाकुर
प्रदेश की महिला व बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण को अधूरा छोड़कर चले जाना। महाराष्ट्र के मुंह पर तमाचा है। राज्यपाल ने महाराष्ट्र को थप्पड़ मारा है। राज्यपाल के इस बर्ताव के बारे में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संज्ञान लेकर उन्हें उचित निर्देश देना चाहिए। ठाकुर ने कहा कि कोश्यारी राज्यपाल कम भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में ज्यादा काम कर रहे हैं।
राज्यपाल भाजपा के सदस्यों के बर्ताव से व्यथित होकर चल गए- जयंत पाटील
पत्रकारों से बातचीत में राकांपा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि महाराष्ट्र और भारत के इतिहास में शायद पहली बार हुआ है कि राज्यपाल राष्ट्रगान होने का इंतजार किए बिना चले गए। पाटील ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों ने असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करते हुए मलिक के खिलाफ नारेबाजी की थी। राज्यपाल विपक्ष के सदस्यों के बर्ताव से व्यथित होकर अभिभाषण को अधूरा छोड़कर चले गए। पाटील ने दावा कि सत्ताधारी दल के सदस्य राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी नहीं कर रहे थे बल्कि शिवाजी महाराज के जयघोष के साथ राज्यपाल का स्वागत किया था।
राज्यपाल को वापस भेजने के प्रस्ताव पर विचार- नाना पटोले
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राज्यपाल को वापस भेजने के लिए विधानमंडल में प्रस्ताव लाने पर विचार किया जाएगा। पटोले ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण अधूरा छोड़कर जाना महाराष्ट्र का अपमान है। राज्यपाल को शिवाजी महाराज के बारे में दिए गए बयान को लेकर माफी मांगनी ही पड़ेगी।
सत्ताधारी सदस्यों ने राज्यपाल का अपमान किया- फडणवीस
विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सच तो यह है कि राज्यपाल जिस समय राष्ट्रगान की शुरुआत करना चाह रहे थे उस वक्त सत्ताधारी सदस्य ही नारेबाजी कर रहे थे। राज्यपाल ने तीन बार सदस्यों को शांत रहने का आग्रह किया। फिर भी सत्तारूढ़ सदस्यों ने नारेबाजी बंद नहीं किया। महाविकास आघाड़ी ने राज्यपाल का अपमान किया है।
सिर के बल खड़े हो गए राकांपा सदस्य दौड़
राकांपा के सदस्य संजय दौंड राज्यपाल के विरोध में विधानभवन के प्रवेश द्वार पर सिर के बल पर खड़े गए थे। दौंड का सिर जमीन पर था और पैर हवा में। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने महाराष्ट्र का अपमान किया है।
Created On :   3 March 2022 6:48 PM IST