- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- चैत्य भूमि पहुंचे वानखेड़े के खिलाफ...
चैत्य भूमि पहुंचे वानखेड़े के खिलाफ हुई नारेबाजी, फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने के आरोपों का सामना कर रहे नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेडे महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर सोमवार को बाबा साहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने दादर स्थित चैत्यभूमि पहुंचे। लेकिन यहां उन्हें कई दलित संगठनों की ओर से विरोध का सामना करना पड़ा। कई संगठनों के लोग वानखेडे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
विरोध करने वालों का कहना था कि समीर वानखेडे जैसे लोग बाबा साहेब द्वारा गए आरक्षण का लाभ लेकर सरकारी नौकरी तो हासिल करते हैं लेकिन कभी उनका नाम नहीं लेते। भीमशक्ति रिपब्लिकन सेना के अध्यक्ष अनिल कांबले ने कहा कि समीर वानखेडे को चैत्यभूमि में आने का अधिकार नहीं है। इस बीच कुछ संगठन के लोग वानखेडे के समर्थन में आगे आए और नारेबाजी करने लगे। दोनों ओर से विवाद इतना बढ़ा कि नौबत हाथापाई तक आ पहुंची। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह दोनों गुटों को अलग किया।
मीडिया से बातचीत में वानखेडे ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर मेरे प्रेरणास्त्रोत हैं, इसीलिए उन्हें श्रद्धांजलि देने मैं चैत्यभूमि पहुंचा हूं। इस दौरान वानखेडे ने वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता और बाबा साहेब आंबेडकर के पौत्र प्रकाश आंबेडकर से मुलाकात कर बातचीत भी की। बता दें कि प्रकाश आंबेडकर धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर वानखेडे का समर्थन कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि बालिग होने के बाद समीर वानखेडे ने जो धर्म, जाति स्वीकारी है उसे ही सही माना जाना चाहिए। वहीं समीर वानखेडे पर मुस्लिम होने और फर्जी जाति प्रमाणपत्र का इस्तेमाल कर सरकारी नौकरी हासिल करने का आरोप लगाने वाले राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक भी चैत्यभूमि पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने नाम लिए बिना समीर वानखेडे पर निशाना साधा और कहा कि उनकी लड़ाई के चलते कुछ लोगों को अब चैत्यभूमि आना पड़ रहा है।
रोके जाने पर किया हंगामा
हर साल 6 दिसंबर को डा बाबा साहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर दादार स्थित चैत्यभूमि पर बड़ी संख्या में अनुयायी जुटते थे पर इस साल कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए सरकार ने लोगों से चैत्यभूमि पर न जुटने की अपील की थी पर सोमवार को यहां कुछ समय के लिए हंगामे की स्थिति बन गई। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को अभिवादन करने के लिए चैत्यभूमि पहुंचे अनुयायियों को पुलिस ने रोका तो वे भड़क गए और पुलिस और अनुयायियों में हाथापाई की नौबत आ गई। अनुयायियों का आरोप था कि उन्हें सरकार की तरफ से कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई। कोरोना संकट के चलते चैत्यभूमि पर अधिक भीड़ एकत्रित नहीं हो, ऐसे में पुलिस ने कई अनुयायियों को वहां जाने से रोक दिया। इससे हंगामे की स्थिति बन गई। अनुयायियों ने बैरिकेड्स को पार कर चैत्यभूमि में घुसने का प्रयास किया, हालांकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में ले लिया।
Created On :   6 Dec 2021 7:30 PM IST