वर्षों से नहीं मिल पा रही आरटीओ को स्मार्टकार्ड रीडर मशीन

Smartcard reader machine is not available to RTO for years
वर्षों से नहीं मिल पा रही आरटीओ को स्मार्टकार्ड रीडर मशीन
नागपुर वर्षों से नहीं मिल पा रही आरटीओ को स्मार्टकार्ड रीडर मशीन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। किसी भी हाइटेक व्यवस्था को शुरू करने के बाद उसे सरकारी महकमें में निभाया नहीं जाता है। यह नजारा शहर के आरटीओ कार्यालय की व्यवस्था देख साफ हो रहा है। लंबे समय से वाहनधारकों को पेपर लाइसेंस व आरसी के बदले स्मार्टकार्ड में आरसी व लाइसेंस दिया जा रहा है, जिसमें एक चिप लगी होती है। इस चिप को पढ़ने के लिए स्मार्टकार्ड रीडर मशीन जरूरी है, ताकि एक पल में वाहनधारक की पूरी डिटेल मिल सके, लेकिन अब तक कार्यालय को इन स्मार्टकार्ड को रीड करने वाली मशीनें ही उपलब्ध नहीं कराई है। ऐसे में स्क्वॉड चेकिंग के वक्त डुप्लीकेट लाइसेंस व आरसी को वेरिफाई करना कर्मचारियों के लिए काफी मुश्किल खड़ी हो जाती है। उन्हें ऑनलाइन वेरीफिकेशन करना पड़ता है। जिसमें समय की बर्बादी होती है।

दो कार्यालयों पर 15 लाख वाहनों का जिम्मा

शहर व पूर्व, दो आरटीओ कार्यालय हैं। इन कार्यालयों पर कुल 15 लाख से ज्यादा वाहनों का जिम्मा है। यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में आरसी व लाइसेंस भी बनाए जाते हैं। गत 4 वर्ष पहले तक यहां वाहनधारकों को पेपर के रूप में लाइसेंस व वाहनों की आरसी बुक दी जाती थी। जिसे पढ़कर ही वाहनों की पूरी जानकारी सामने आ जाती थी, लेकिन हाइटेक होने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए स्मार्टकार्ड को सामने लाया गया है। अब वाहनधारकों को लाइसेंस व स्मार्टकार्ड दिया जाता है, जिसमें वाहनधारक का नाम, पता व जन्मतिथि लिखी होती है। शेष जानकारी के लिए मशीन की जरूरत होती है। 

मशीन से होता है फर्जीवाड़े का खुलासा

स्मार्टकार्ड रीडर मशीन को हैंड हेल्ड मशीन भी कहा जाता है। इस मशीन में कार्ड को एंटर करने पर स्मार्टकार्ड में लगी चिप के माध्यम से गाड़ी की पूरी डिटेल सामने आती है। इसमें डुप्लीकेट लाइसेंस, आरसी का भंडाफोड़ भी आसानी से होता है। यही नहीं, वाहनधारक पर अब तक कितने चालान हुए हैं, कितना जुर्माना बाकी है आदि की जानकारी सामने आ जाती है, लेकिन स्मार्टकार्ड रीडर मशीन अभी तक कार्यालय में पहुंची नहीं है। जिससे वाहनधारकों की स्क्वॉड चेकिंग के दौरान सख्ती से जांच नहीं हो पाती है। हालांकि इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारी एक एप के माध्यम से पूरी जानकारी मिलने की बात कह रहे हैं।

परिवहन एप से करते हैं जांच

रवींद्र भुयार, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, शहर आरटीओ के मुताबिक स्मार्टकार्ड रीडर मशीन अभी तक उपलब्ध नहीं कराई है, लेकिन इससे हमारा काम प्रभावित नहीं होता है। ऐसे में परिवहन एप के माध्यम से वाहनों की जांच-पड़ताल की जाती है।

 

 

Created On :   20 Dec 2021 5:31 PM IST

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