विकास कार्यों के जरिए संसदीय क्षेत्र अमेठी में सक्रियता बढ़ा रहीं स्मृति ईरानी

Smriti Irani is increasing her activeness in the parliamentary constituency through development
विकास कार्यों के जरिए संसदीय क्षेत्र अमेठी में सक्रियता बढ़ा रहीं स्मृति ईरानी
विकास कार्यों के जरिए संसदीय क्षेत्र अमेठी में सक्रियता बढ़ा रहीं स्मृति ईरानी
हाईलाइट
  • हर माह किसी न किसी विकास परियोजना और लोगों से मिलने के कार्यक्रम को लेकर अमेठी पहुंच रहीं स्मृति

डिजिटल डेस्क, अमेठी। गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाली अमेठी सीट को छीनकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपने संसदीय क्षेत्र में लगातार विकास कार्यों के जरिए सक्रिय हैं। हर माह किसी न किसी विकास परियोजना और लोगों से मिलने के कार्यक्रम को लेकर वह अपने संसदीय क्षेत्र में आती रहती हैं। मोदी सरकार में उन्हें केंद्रीय महिला एवं बाल विकास व कपड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने का रिपोर्ट कार्ड भी प्रस्तुत किया है।

छोटे कार्यक्रमों में भी ले रहीं स्मृति ईरानी 
इस दौरान स्मृति ईरानी ने कहा, इन 100 दिनों से 6 करोड़ से ज्यादा लोगों को किसान सम्मान निधि से जोड़ा गया है। पिछले 100 दिन में मैंने अमेठी में 225 करोड़ की लागत के 210 कार्यक्रम कराए हैं। अमेठी में 550 करोड़ की लागत से रेलवे का काम हो रहा है। तो लगभग 800 करोड़ का काम 100 दिन में किया, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अमेठी की जनता का साथ मुझे मिला है। अमेठी की जनता 24 घंटे मुझसे मिल सकती है। यहां की जनता दिल्ली में आकर मुझसे कभी भी मिल सकती है। इसके अलावा अन्य छोटे कार्यक्रमों में भी स्मृति ईरानी हिस्सा लेती हैं।

लोगों की समस्याएं सुनने का तरीका भी अच्छा
अमेठी के राजनीतिक विश्लेषक तारकेश्वर का कहना है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी 2014 चुनाव हारने के बाद से अब तक अपने संसदीय क्षेत्र के हर छोटे बड़े कार्यक्रम में भागीदारी करती हैं। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है कि वह जनता के बीच सहजता से मिलती है। इससे पहले के सांसद से मिलना मुश्किल था। शायद उनके हार का यही कारण भी बना। लोगों की समस्या सुनने का तरीका बहुत अच्छा है।

पर्यटन स्थल विकसित करने की योजना पर चल रहा कार्य  
उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद जिस प्रकार से भाजपा कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह की हत्या हो गई और उसमें ईरानी का कंधा देना सबके दिल में घर गया। लोगों को लगने लगा इस बार उन्होंने सही प्रत्याशी का चयन किया है। उन्होंने बताया कि अमेठी में 8 पर्यटन स्थल विकसित करने की योजना पर कार्य चल रहा है। इसके अलावा करीब 125 करोड़ 225 करोड़ रुपये की 210 सड़कों का शिलान्यास हो चुका है। अमेठी बाईपास के निर्माण को मंजूरी भी मिली है। 87़ 5 करोड़ रुपये से अमेठी नगर में सगरा तिराहा पर 8 हेक्टेयर में झील के निर्माण का प्रस्ताव भी पास हो गया है।

केंद्रीय विद्यालय की शुरुआत, स्टेशनों पर वाई फाई की सुविधा
तारकेश्वर ने बताश कि अमेठी नगर के चारों तरफ रिंग रोड और गौरीगंज में ऑडिटोरियम के निर्माण को मंजूरी मिली है। अमेठी के मुंशीगंज में केंद्रीय विद्यालय की शुरुआत हो चुकी है। अमेठी के सभी स्टेशनों पर वाई फाई सुविधा की शुरुआत हो गई है। 550 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे लाइन के दोहरीकरण, विद्युतीकरण एवं स्टेशनों का सुंदरीकरण जैसे अनेक काम चल रहे हैं। इससे लगता है कि वह विकास के रोडमैप के सहारे अमेठी में राज करना चाहती हैं।

कांग्रेस को चुभ रही हार
उन्होंने बताया, कांग्रेस को यह हार बहुत चुभ रही है। इसी कारण राहुल गांधी के चुनाव हारते ही पार्टी की महासचिव और उनकी बहन प्रियंका गांधी यहां पर आई थीं और कार्यकर्ताओं से हारने का कारण पता लगाया था। उन्होंने पदाधिकारियों से एक-एक करके हार के कारण पूछे, वहीं अमेठी में पार्टी को नए सिरे से मजबूत करने को लेकर सलाह-मशविरा किया। पदाधिकारियों ने यह कहते हुए प्रियंका को अचरज में डाल दिया कि पार्टी के ही कुछ लोगों ने मेहनत नहीं की। भाजपा वाले हम पर हावी रहे। खूब पैसा चला। इसलिए हम चुनाव हार गए।

प्रियंका ने पदाधिकारियों को साहस बंधाया था और कहा था, आप सब संगठन को मजबूत करें अमेठी में हम फिर भारी मतों से चुनाव जीतेंगे। हालांकि उसके बाद कांग्रेस ने किसी भी मुद्दे पर न तो आंदोलन किया न ही किसी प्रकार का कोई कार्यक्रम किया। लेकिन उसके बाद यहां पर कार्यकारिणी ही भंग है। कांग्रेस में मायूसी छाई है। जिला संगठन भंग होने कारण और कार्यकर्ताओं में एकजुटता न होना भी नेहरू-गांधी परिवार की विरासत को खाली कर रहा है।

उधर, भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने बताया कि किसानों के लिए स्मृति ईरानी ने यूरिया की उपलब्धता कराई। इसके अलावा यहां पर उन्होंने केंद्रीय विद्यालय जो निर्माणाधीन अवस्था में है, उसमें नया सत्र चलवा दिया है। इसके अलावा जगदीशपुर विधानसभा में सैकड़ों बीघा जमीन कटान में बह जाती थी, इसे ध्यान में रखकर उन्होंने बांध बनवाया जिससे किसानों को राहत मिल रही है। इसी प्रकार अनेक कार्य किए हैं जो जनता के हित में हैं।

 

Created On :   13 Sep 2019 4:30 AM GMT

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