तो क्या शिवसेना-भाजपा में फिर से सियासी मिलन है संभव

So is it possible to meet again in Shiv Sena-BJP
तो क्या शिवसेना-भाजपा में फिर से सियासी मिलन है संभव
कयास तो क्या शिवसेना-भाजपा में फिर से सियासी मिलन है संभव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना ने भाजपा का साथ भले ही छोड़ दिया हो, लेकिन दोनों दलों में फिर से एक साथ आने की कोशिश चल रही है और इस मुद्दे को लेकर नेताओं की ओर से की जा रही बयानबाजी इसकी तस्दीक करती है। इस संबंध में अब ताजा बयान खुद शिवसेना नेता एवं मविआ सरकार में राजस्व राज्यमंत्री अब्दुल सत्तार की ओर से आया है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अगर पहल करते है तो बिछड़े दोस्तों का फिर से सियासी मिलन संभव है। दरअसल, राज्यमंत्री अब्दुल सत्तार मंगलवार को जलगांव-औरंगाबाद राजमार्ग के कार्य के मसले पर केन्द्रीय मंत्री गडकरी से मिले। मंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में सत्तार ने भाजपा-सेना गठबंधन को लेकर पूछे सवाल पर यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि ठाकरे और गडकरी परिवार के बीच घनिष्ट और पुराने संबंध है। अगर वे शिवसेना प्रमुख से एकसाथ आने के मसले पर बात करते है तो बहुत संभवना है कि उद्धव ठाकरे मान जायेंगे। लेकिन प्रदेश के भाजपा नेताओं में राजनीति के कारण गडकरी राज्य की राजनीति में ज्यादा ध्यान नहीं देते है। भाजपा-शिवसेना में पुल बांधने का काम केवल गडकरी ही कर सकते है। हालांकि, राज्यमंत्री सत्तार ने यह भी कहा कि दोनों दलों में फिर से गठबंधन का निर्णय शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ही लेंगे। राज्यमंत्री सत्तार ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री गडकरी से मुलाकात के दौरान जलगाव-औरंगाबाद महामार्ग का शीघ्र गति से कार्य कराए जाने का आग्रह किया। इस महामार्ग के 200 करोड़ रुपये कार्य लंबित थे। उन्होंने बताया कि इस निधि को भी गडकरी ने मंजूरी दे दी है।

Created On :   5 Jan 2022 1:51 PM IST

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