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तो सिर्फ पेंशन पर खर्च करने पड़ते 1 लाख 4 हजार करोड़ रुपए, केंद्र सरकार से हो रही चर्चा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि यदि राज्य में सरकार अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू रहती तो सरकार को केवल पेंशन पर वार्षिक 1 लाख 4 हजार करोड़ रुपए खर्च करना पड़ता। फिलहाल नई पेंशन योजना पर सरकार को 2 हजार करोड़ रुपए खर्च करना पड़ रहा है। शुक्रवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक सुधीर तांबे ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन लागू करने के बारे में सवाल पूछा था। इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार राज्य के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ गया है। पुरानी पेंशन योजना के बारे में केंद्र सरकार के स्तर पर चर्चा शुरू है। इसलिए मैं यह नहीं कहूंगा कि राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू ही नहीं की जाएगी। मैं यह भी नहीं कहूंगा कि नई पेंशन योजना पहले जैसी स्थिति में चालू रहेगी। यदि केंद्र सरकार के स्तर पर पेंशन योजना में संशोधन का फैसला लिया गया और राज्य सरकार के सामने कोई प्रस्ताव आता है उसके लिए सरकार सकारात्मक रहेगी।
छत्तीसगढ़-राजस्थान ने सिर्फ की घोषणा
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल के बजट में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की है। इस बारे में मैंने दोनों राज्यों से जानकारी हासिल करने की कोशिश की थी। लेकिन मुझे पता चला है कि दोनों राज्यों ने केवल घोषणा किया है। पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं वित्त मंत्री के रूप में पुरानी पेंशन योजना पर गहराई से अध्ययन करने वालों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार हूं।
आमदनी अठन्नी, खर्च रुपया वाली होती हालत
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2005 के अनुमानों के अनुसार साल 2021-22 में राज्य सरकार को 2 लाख 69 हजार 121 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त होने वाला था। यदि पुरानी पेंशन योजना कायम रहती तो साल 2021-22 में सरकारी कर्मचारियों के वेतन पर 1 लाख 18 हजार 545 करोड़ रुपए और पेंशन पर 1 लाख 6 हजार 462 करोड़ रुपए खर्च करना पड़ता। यानी साल 2021-22 के बाद राज्य सरकार को जितना राजस्व मिलता उससे अधिक राशि वेतन और पेंशन पर खर्च करनी पड़ता। इसलिए केंद्र सरकार ने साल 2005 ने नई पेंशन योजना लागू करने का फैसला लिया था। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2005 में पेंशन पर वार्षिक खर्च 4 हजार 964 करोड़ रुपए हो रहा था। फिलहाल नई पेंशन योजना के तहत राज्य सरकार की तिजोरी पर हर साल 2 हजार करोड़ रुपए का भार पड़ता है। मगर पुरानी पेंशन योजना लागू रहती तो सरकार को पेंशन पर 1 लाख 4 हजार करोड़ रुपए केवल पेंशन पर खर्च करना पड़ता। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के पेंशन की खामियों के संबंध में वित्त राज्य मंत्री शुंभराज देसाई की अध्यक्षता में समिति गठित कर दी गई है। इस बीच उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में लगभग 18 लाख सरकारी कर्मचारी हैं। जबकि 15 लाख सरकारी कर्मचारी पेंशनभोगी हैं। हर साल करीब 20 हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त होते हैं।
Created On :   25 March 2022 9:32 PM IST